Astrology Articles

  • जिंदगी को खुशियों से भरेंगे ये सरल और प्रभावी टोटके
    जीवन को खुशियों से भरने के लिए आपको कोई महान काम नहीं करने, केवल ज्योतिष द्वारा सुझाए कुछ ऐसे काम करने हैं जो बेहद सरल और प्रभावी हैं। इन्हें विश्वास के साथ आमजाएं और फिर देखें इनका प्रभाव-....

  • वार के अनुसार लगाएं मस्तक पर तिलक, मिलेगा तुरंत फायदा
    हिन्दू परम्परा के अनुसार मस्तक पर तिलक लगाना बेदह शुभ माना जाता है। इसे सात्विकता का प्रतीक भी कहा गया है। कहते हैं कि विजयश्री प्राप्त करने के लिए रोली, हल्दी, चन्दन या फिर कुम्कुम का तिलक लगाया जाता है। यदि तिलक वार या दिन के अनुसार लगाया जाए तो चमत्कारिक परिणाम मिल सकते हैं।  ....

  • आप भी बन सकते हैं करोडपति बताएगी जन्म पत्री
    किसी भी जातक की जन्मकुंडली बता सकती है कि वह वाकई करोड़पति बन सकता है, जरूरत केवल ऐसे योग और संकतों को पहचानने की है। कुंडली के ग्रह की स्थिति और भाव विशेष से व्यक्ति जान सकता है कि उसे धन कब, कैसे और किस मार्ग से प्राप्त हो सकता है। आइए जानें कैसेट पहचानेंगे कराडेपति बनने के योग- ....

  • कमजोर ग्रहों को मजबूत कर, समपन्नता देती है इस पशु की सेवा
    प्राचीन काल से ही यह मान्यता रही है कि गौ माता में तैंतीस करोड़ देवताओं का वास होता है। भगवान श्री कृष्ण ने गौ पालक बनकर विश्व को गौ सेवा एवं रक्षा का संदेश दिया। पूजा कर्म के लिए गौ पूजन का अपना महत्व है। वर या कन्या के विवाह के लिए गोधूलि का समय सर्वोत्तम माना जाता है। भोजन से पूर्व गाय के लिए रोटी अथवा गौ ग्रास निकालने की आज भी परंपरा चली आ रही है। महर्षि पाराशर के अनुसार जिस घर में गौ सेवा होती है, वहां समस्त प्रकार के सुख अपने आप ही आने लगते हैं। गौ माता का दर्शन और स्पर्श शुभ माना गया है। शकुन शास्त्र के अनुसार जिस घर के दरवाजे के सामने गाय झुंड बनाकर बैठी रहती हैं, उस घर के लोगों का भाग्य बदलने से वहां धन-धान्य, संतान, विद्या, आरोग्य सुख आदि की वृद्धि होने लगती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गाय के पूजन एवं दान से ग्रह दोषों का निवारण होता है।....

  • एक छोटा सा हवन कर सकता है सभी कष्ट दूर, एक बार आजमाकर जरूर देखें
    धर्म एवं आध्यात्म में इष्टदेव की आराधना के लिए आरती, हवन, भोग आदि का विशेष महत्व है। श्रद्धा भाव और विधिपूर्वक की गई पूजा अर्चना घर परिवार में सुख, शांति, आरोग्य सुख और समृद्धि लाती है। हिन्दू संस्कृति में प्रतिदिन अथवा ख़ास अवसरों पर होम यानी हवन करने को आवश्यक बताया गया है। जिस स्थान पर हवन किया जाता है, वहां बैठे लोगों पर तो उसका सकारात्मक असर पड़ता ही है, वातावरण में मौजूद रोगाणु और विषाणुओं के नष्ट होने से प्रकृति को भी लाभ पहुंचता है। क्योंकि हवन में प्रयुक्त होने वाली जड़ीबूटी युक्त हवन सामग्री, शुद्ध घी, पवित्र वृक्षों की लकड़ियां, कपूर आदि के जलने से उत्पन्न अग्नि और धुएं से वातावरण शुद्ध तो होता ही है, बुरी आत्माओं के असर का भय भी नहीं रहता है।....

  • शादी में तोरण मारने के पीछे छिपा है गहरा राज, जानना चाहेंगे आप?
    हिन्दू समाज में शादी में तोरण मारने की एक आवश्यक रस्म है, जो सदियों से चली आ रही है। लेकिन अधिकतर लोग नहीं जानते कि यह रस्म कैसे शुरू हुई। इसके पीछे एक गहरा राज है जो बहुत कम लोगों को ही पता है- ....

  • इस चमत्कारी चक्र के प्रयोग से सोई किस्मत भी जाग जाती है....
    लक्ष्मी और कुबेर को प्रिय एक खास चमत्कारी चक्र आपकी किस्मत भी बदल सकता है। विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है- यह चमत्कारी चक्र है गोमती चक्र। यह एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी मे मिलता है। असाध्य रोगों को दूर करने तथा मानसिक शान्ति प्राप्त करने के लिए लगभग 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल दें। सुबह उस पानी को पी जाना चाहिऐ-इससे पेट संबंध के विभिन्न रोग दूर होते हैं....

  • ग्रहों की गति से जानें जीवन में प्रभाव
    संसार में पाए जाने वाले समस्त प्राण, पेड़-पौधे, नदी, पर्वत, मृदा आदि ग्रहों के अधीन होते हैं। कर्मों के अनुसार अच्छा-बुरा जैसा भी फल मिलता है, उसके लिए भी ग्रह उत्तरदायी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुर, शुक्र, शनि, राहु और केतु नवग्रह कहलाते हैं। इन सभी ग्रहों का अपना-अपना शुभ-अशुभ प्रभाव होता है।....

  • सभी समस्याओं के अंत के लिए करें इस माला को धारण
    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्फटिक को धन की देवी लक्ष्मी जी का स्वरुप माना गया है, जिसे कंठ हार अर्थात माला के रूप में धारण किया जाता है। स्फटिक निर्मल, रंगहीन, पारदर्शी और शीत प्रभाव रखने वाला उप-रत्न है। आयुर्वेद में स्फटिक का प्रयोग सभी प्रकार के ज्वर, पित्त प्रकोप, शारीरिक दुर्बलता एवं रक्त विकारों को दूर करने के लिए शहद अथवा गौ मूत्र के साथ औषधि के रूप में किया जाता है।....

  • कालसर्प योग से डरे नहीं, ज्योतिष में है कुछ आसान उपाय
    कालसर्प योग का संबंध राहु और केतु ग्रहों से होता है जो वक्र गति से चलते हैं। राहु को सर्प का मुख तथा केतु को सर्प की पूंछ भी माना जाता है। ज्योतिष के प्राचीन ग्रंथ मानसागरी, बृहज्जातक और बृहत्पाराशर होराशास्त्र में कालसर्प योग या सर्पयोग का उल्लेख मिलता है। लग्नज पत्रिका में राहु और केतु की स्थिति सदैव एक दूसरे के आमने-सामने की होती है। यद्यपि राहु और केतु छाया ग्रह हैं, फिर भी इनकी युति या दृष्टि संबंध जिस ग्रह के साथ होता है, उसका प्रभाव इन पर पड़ता है। परंतु राहु या केतु ग्रह के अंश साथ वाले ग्रह से कम होने पर साथ वाला ग्रह ही प्रभावी रहता है और उसी के अनुसार अपना फल देता है। ....

  • इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल चढाने से नहीं रहेगी धन की कमी
    हर किसी को धन कमाने की लालसा रहती है कहा जाता है कि पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है। ज़रा सोचिए आपके पास बिलकुल भी पैसे न बचें, आपका बैंक अकाउंट खाली हो जाए और आपको खाने के भी लाले पड़ जाएं तो ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे। ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्र में ऐसे अनेक उपाय दिए गए हैं, जिन्हें श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से धन की कमी दूर हो सकती है।....

  • क्‍या आप जानते हैं दीपक से जुडे ये खास राज?
    जब हम किसी देवता का पूजन करते हैं या किसी भी पूजा का महत्वपूर्ण अंग है दीपक। सामान्यतया घी या तेल का दीपक हम जलाते हैं। दीपक कैसा हो, उसमें कितनी बत्तियां हो, इसका भी एक विशेष महत्व है। उसमें जलने वाला तेल, घी किस-किस प्रकार का हो इसका भी विशेष महत्व है। यही महत्व उस देवता की कृपा और अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है।....

  • हर काम में मिलेगी विजय, करें दशहरे पर ये खास काम
    ज्योतिषिय दृष्टिकोण से विजय को लाभ और आत्मा की उन्नति से जोड़कर देखा जाता है। कुंडली का छठा भाव शत्रुओं का और बारहवां भाव हानि का बताया गया है। किसी कार्य में विजय के लिए हमारे भीतर की ताकत पर्याप्त होनी चाहिए, यह लग्न से देखी जाएगी। हमारे भीतर का साहस तीसरे भाव से देखा जाएगा और हमारी प्राप्त करने की इच्छाशक्ति ग्यारहवें भाव से देखी जाएगी। इसके साथ ही कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होनी चाहिए। ....

  • मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के चमत्कारिक उपाय
    मां लक्ष्मी को सब खुश करना चाहते हैं क्योंकि धन की सभी को जरूरत है। ऐसे में मां को प्रसन्न करने के लिए करें कुछ खास काम। इन कामों से न केवल पैसों की कोई कमी रहेगी बल्कि घर में सम्पन्नता आएगी।....

  • वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए ऐसा  होना चाहिए बैडरूम
    वैवाहिक जीवन में अगर इस तरह की स्थिति आ रही हो तो वास्तु की दृष्टि से अपने बेडरूम पर एक बार नजर अवश्य डाल लेनी चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि बेडरूम वास्तु दोष से प्रभावित हो। वैवाहिक जीवन को खुशनुमा, सुखी और शांतपूर्ण बनाने के लिए अपने बेडरूम को वास्तु अनुरूप बनाना चाहिए। भवन की दक्षिण-पश्चिम दिशा को बेडरूम के लिए उपयुक्त स्थान माना गया है। लेकिन स्थानाभाव होने पर पश्चिम, उत्तर-पश्चिम अथवा दक्षिण दिशा में भी बेडरूम बनाया जा सकता है। बच्चों के लिए शयन कक्ष पश्चिम दिशा में ही बनाना शुभ रहता है। ....

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