चरण स्पर्श करने से भी चमक सकती है किस्मत
            Astrology Articles   I   Posted on 17-10-2017  ,11:25:44   I  by: vijay
            
            
            
शास्त्रों  के अनुसार पैर के अंगूठे के द्वारा भी शक्ति का संचार होता 
है। मनुष्य के पांव के अंगूठे में विद्युत संप्रेक्षणीय शक्ति होती है। यही
 कारण है कि अपने वृद्धजनों के नम्रतापूर्वक चरणस्पर्श करने से जो आशीर्वाद
 मिलता है, उससे व्यक्ति की उन्नति के रास्ते खुलते जाते हैं।
चरण स्पर्श और चरण वंदना भारतीय संस्कृति में सभ्यता और सदाचार का प्रतीक 
माना जाता है।              
             
              
              
              
            
आत्मसमर्पण का यह भाव व्यक्ति आस्था और श्रद्धा 
से प्रकट करता है। यदि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो चरण स्पर्श की 
यह क्रिया व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से पुष्ट करती है। यही कारण है
 कि गुरुओं, (अपने से वरिष्ठ) ब्राह्मणों और संत पुरुषों के अंगूठे की पूजन
 परिपाटी प्राचीनकाल से चली आ रही है। इसी परंपरा का अनुसरण करते हुए 
परवर्ती मंदिर मार्गी जैन धर्मावलंबियों में मूर्ति पूजा का यह विधान प्रथम
 दक्षिण पैर के अंगूठे से पूजा आरंभ करते हैं और वहां से चंदन लगाते हुए 
देव प्रतिमा के मस्तक तक पहुंचते हैं।
पुराणों में लिखा महत्त्व
हिंदू संस्कारों में विवाह के समय कन्या के माता-पिता द्वारा इसी 
भाव से वर का पाद प्रक्षालन किया जाता है। कुछ विद्वानों की ऐसी मान्यता है
 कि शरीर में स्थित प्राण वायु के पांच स्थानों में से पैर का अंगूठा भी एक
 स्थान है। जैसे- तत्र प्राणो नासाग्रहन्नाभिपादांगुष्ठवृति (1) नासिका का 
अग्रभाग (2) हृदय प्रदेश (3) नाभि स्थान (4) पांव और (5) पांव के अंगूठे 
में प्राण वायु रहती है। इसका प्रभाव चीनी चिकित्सा जिसके द्वारा अंगूठे व 
पांव के तलवे में विभिन्न दिशाओं में सूर्इं चुभाकर कई बीमारियों का इलाज 
किया जाता है। चिकित्सा विज्ञान भी यह मानता है कि पांव के अंगूठे में कक 
ग्रंथि की जड़ें होती हैं, जिनके मर्म स्पर्श या चोट से मनुष्य की जान जा 
सकती है।
पैर के अंगूठे में है विद्युत शक्ति
यह भी जानते हैं कि रावण ने अपने भुजबल से पृथ्वी को शत्रुहीन कर 
दिया था। अपनी शक्ति के मद में राक्षसराज रावण ने कैलाश पर्वत को उठाने का 
साहस करना चाहा। उस समय भयभीत हुई पार्वती की प्रार्थना से भगवान शंकर ने 
अपने पैर के अंगूठे के अग्र भाग से पर्वत को धीरे से दबाया। इतने मात्र से 
ही रावण को पाताल में भी आश्रय न मिल सका। लिहाजा कहा जा सकता है कि पैर के
 अंगूठे के द्वारा भी शक्ति का संचार होता है। मनुष्य के पांव के अंगूठे 
में विद्युत संप्रेक्षणीय शक्ति होती है। यही कारण है कि वृद्धजनों के 
चरणस्पर्श करने से जो आशीर्वाद मिलता है उससे अविद्या रूपी अंधकार नष्ट 
होता है और व्यक्ति उन्नति करता है।
इन रत्नों के धारण करने से दूर होते हैं रोग
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