जानें, उल्लू से जुडे टोटके हैं जो बनाते हैं
धनवान
            Astrology Articles   I   Posted on 05-03-2019  ,18:16:41   I  by: vijay
            
            
            धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मां लक्ष्मी का वाहन अगर किसी जातक को दिख भी 
जाए तो उसकी किस्मत बदल सकती है। उल्लू से जुडे ऐसे कई टोटके हैं जो आपको 
धनवान बनाने के योग बनाते हैं।             
             
              
              
              
            
सूर्योदय से ठीक पहले पूर्व दिशा में
 वृक्ष पर बैठे उल्लू को बोलते हुए देखना धनागमन का संकेत देता है। बोलता 
हुआ उल्लू यदि पश्चिम दिशा की ओर बैठा हो, तो धन का नुकसान हो सकता है। यदि
 वृक्ष पर बैठा उल्लू प्रातःकाल में उत्तर दिशा में बोलता दिखे तो यह अशुभ 
परिणाम की आशंका का संकेत जैसा होता है, जो दुर्घटना, बीमारी या मृत्यु से 
संबंधित हो सकती है।
प्रातःकाल में दक्षिण दिशा में उल्लू को देखना 
या उसकी आवज को सुनने का अर्थ धनलाभ का संकेत होता है, या फिर शत्रु परास्त
 हो जाता है। आधी रात को पूर्व दिशा से उल्लू की आने वाली आवाज कल्याणकारी 
होती है, जबकि पश्चिम, उत्तर या दक्षिण दिशा से आने वाली आवाज किसी परेशानी
 के आगमन की सूचना का होता है।
किसी रोगी के बिस्तर पर उल्लू के रात
 में आकर बैठ जाने का अर्थ रोगी के शीघ्र स्वस्थ हो जाने से है। घर से बाहर
 निकलते समय दायीं ओर उल्लू के दिखने पर यात्रा की असफलता हो जाती, जबकि 
वही उल्लू कहीं जाते समय पीठ के पीछे रहे, तो यात्रा सफल होती है। किसी 
मकान पर बार-बार उल्लू के आकर बैठने से अनिष्ट की आशंका बढ़ जाती है।
स्वप्न
 में उल्लू को पानी पीते हुए देखने पर मुकदमे में सफलता मिलती है या फिर 
सजायाफ्ता व्यक्ति को सजा से मुक्ति मिल सकती है। पक्षी तंत्र के अनुसार 
उल्लू धन का संकेत देने वाला है। जहां भी खजाना छिपाकर रखा होता है या गाड़ा
 हुआ रहता है, वहां उल्लू पाए जाते हैं। तंत्र शास्त्र में उल्लू को धन का 
रक्षक बताया गया है।
उल्लू अगर किसी के रसोईघर में आ जाए तो घर मं 
अनाज और खाने-पीने की कमी नहीं रहती है। उल्लू के रीढ़ की हड्डी को केसर, 
कस्तूरी और कुमकुम के साथ घिसकर बनाए गए मिश्रण का तिलक वशिकरण के लिए 
उपयोगी है। इसे लगाकर रूठी पत्नी को मनाया जा सकता है या प्रेमिका को 
वशीभूत किया जा सकता है।
उल्लू की विष्ठा पान में रखकर यदि दुश्मन को खिला दिया जाए तो वह परास्त होकर हार मान लेता है या आत्मसमर्पण कर देता है।
उल्लू
 और कौए की विष्ठा गुलाब जल में मिलाकर बनाए गए तिलक को माथे पर लगाकर किसी
 स्त्री के सामने जाने पर वह वश में आ जाती है। वह स्त्री इस कदर सम्मोहित 
हो जाती है अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के आतुर हो जाती है।
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