Astrology Articles

  • ऐसे रुद्राक्ष धारण करने से बदल जाएगी आपकी तकदीर
    शास्त्रों में रुद्राक्ष को भगवान शिव का आंसू बताया गया है। धरती पर इसे सबसे पवित्र धातु भी बताया गया है। रुद्राक्ष एकमुखी से लेकर चौदहमुखी तक होते हैं| पुराणों में प्रत्येक रुद्राक्ष का अलग-अलग महत्व और उपयोगिता उल्लेख किया गया है। कुछ खास रुद्राक्ष को धारण करने से सभी ग्रह अनुकूल होने लगते हैं और आपके जीवन में सकारात्मयक परिवर्तन आने लगते हैं। ....

  • पेट के रोगों से हैं परेशान तो शनिदोषों को करें ऐसे दूर, होगा पक्का फायदा
    ज्योतिष के अनुसार रोग विशेष की उत्पत्ति जातक के जन्म समय में किसी राशि एवं नक्षत्र विशेष पर पापग्रहों की उपस्थिति, उन पर पाप दृष्टि,पापग्रहों की राशि एवं नक्षत्र में उपस्थित होना, पापग्रह अधिष्ठित राशि के स्वामी द्वारा युति या दृष्टि रोग की संभावना को बताती है। इन रोगकारक ग्रहों की दशा एवं दशाकाल में प्रतिकूल गोचर रहने पर रोग की उत्पत्ति होती है। प्रत्येक ग्रह, नक्षत्र, राशि एवं भाव मानव शरीर के भिन्न-भिन्न अंगो का प्रतिनिधित्व करते है।....

  • हर हिंदू को सूतक और पातक के नियम जानने हैं बेहद जरूरी
    हिंदू धर्म में जन्म और मरण और ग्रहण के समय सूतक के बारे में बहुत अधिक चर्चा होती है। ज्याूदातर लोग पुराने अनुभवों के अनुसार जैसा बुजुर्ग कहते हैं वैसा ही करने लगते हैं लेकिन बहुत कम लोग ही जान पाते हैं कि सूतक क्या होते हैं और उनका जीवन पर क्या असर पडता है। देखा जाए तो सूतक का सम्बन्ध जन्म के निम्मित से हुई अशुद्धि से है। जन्म के अवसर पर जो नाल काटा जाता है और जन्म होने की प्रक्रिया में अन्य प्रकार की जो हिंसा होती है, उसमे लगने वाले दोष या पाप के प्रायश्चित स्वरुप सूतक माना जाता है। पातक का सम्बन्ध मरण के निम्मित से हुई अशुद्धि से है। मरण के अवसर पर दाह-संस्कार में इत्यादि में जो हिंसा होती है, उसमे लगने वाले दोष या पाप के प्रायश्चित स्वरुप पातक माना जाता है।....

  • अगर पंचक के दौरान किए ये काम तो हो जाएंगे बरबाद
    जब चंद्रमा गोचर में कुंभ और मीन राशि से होकर गुजरता है तो यह समय अशुभ माना जाता है इस दौरान चंद्रमा धनिष्ठा से लेकर शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती से होते हुए गुजरता है इसमें नक्षत्रों की संख्या पांच होती है इस कारण इन्हें पंचक कहा जाता है। कुछ कार्य ऐसे हैं जिन्हे विशेष रुप से पंचक के दौरान करने की मनाही होती है। पंचक में आने वाले नक्षत्रों में शुभ कार्य हो सकते हैं। पंचक में आने वाला उत्तराभाद्रपद नक्षत्र वार के साथ मिलकर सर्वार्थसिद्धि योग बनाता है, वहीं धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र यात्रा, व्यापार, मुंडन आदि शुभ कार्यों में श्रेष्ठ माने गए हैं। पंचक को भले ही अशुभ माना जाता है, लेकिन इस दौरान सगाई, विवाह आदि शुभ कार्य भी किए जाते हैं। पंचक में आने वाले तीन नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद व रेवती रविवार को होने से आनंद आदि 28 योगों में से 3 शुभ योग बनाते हैं, ये शुभ योग इस प्रकार हैं- चर, स्थिर व प्रवर्ध। इन शुभ योगों से सफलता व धन लाभ का विचार किया जाता है।....

  • अगर आप पर है किसी उतारे या टोटके का असर, करें ये खास उपाय
    कई बार जीवन में ऐसा होता है जब समय हमारा साथ नहीं देता। सबकुछ अच्छा करते हुए भी कुछ भी सकारात्म क नहीं होता। यदि ऐसा हो तो समझिए कि आप पर किसी ने कोई टोटका या उतारा कर रखा है। आपको यदि ऐसा महसूस होने लग जाए तो निराश ना हों। ज्योतिष में ऐसे कई अचूक टोटके बताए गए हैं जो टोटकों के बुरे असर को भी कम कर सकता है। ऐसे ही कुछ टोटकों से आपको करा रहे हैं रूबरू- ....

  • कछुआ राखी बांधने से आएंगे अच्छे दिन, रहेंगे बुरी नजर से दूर
    भाई-बहन के सबसे प्यारे त्योहार के रक्षाबंधन के कुछ ही दिन बच गए हैं। इस दिन कलाई पर रक्षासूत्र बांधते समय भाई से रक्षा का संकल्प लेने वाली बहनें इस बार भाई को बुरी नजर से बचाने का संकल्प भी ले सकती हैं। इस बार बाजार में भाइयों को बुरी नजर से बचाने वाली फेंगशुई और कछुआ राखी भी छाई है। इसे बहनें भाई की कलाई पर बांध कर उनको दुनिया की बुरी नजरों से बचा सकती हैं। यह राखी भाई को बुरी नजर से बचाएगी साथ ही राखी कम ब्रेसलेट का भी काम करेगी। ....

  • सम्पन्नता लाने और गरीबी भगाने के लिए राखी पर बांधे ये खास वैदिक सूत्र
    भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन और रक्षासूत्र मात्र एक धागा नहीं बल्कि शुभ भावनाओं व शुभ संकल्पों का पुलिंदा है। यही सूत्र जब वैदिक रीति से बनाया जाता है और भगवन्नाम व भगवद्भाव सहित शुभ संकल्प करके बांधा जाता है तो इसका सामर्थ्य असीम हो जाता है।....

  • सावन में रखा इन बातों पर ध्यान्‍ा तो हो जाएंगे चंद दिनों में निहाल
    सावन महादेव का प्रिय मास है। कहते हैं इस पूरे माह महादेव संसार सागर में विचरण करते हैं और जहां भी भक्त गण भक्तिभाव से उन्हें स्ममरण करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं वे वही उसे आशीर्वाद देकर उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। महादेव, बिल्व पत्र और पूजा-अर्चन से जुडी कई ऐसी बातें हैं, जो बहुत कम लोगों को पता हैं। यदि से सारी बातें आमजन को पता लगे तो उनका जीवन संवर सकता है। ....

  • कुंडली में होंगे जब ये योग तो आपका सफल होना पक्का
    किसी भी जातक के सफल या असफल होने में योग का खासा महत्व होता है। ज्योतिष में जारज योग, मूसल योग, रज्जु योग, नल योग, सर्पयोग, गदा योग, सकट योग, पक्षी योग, श्रृंगाटक योग, हल योग, वज्र योग, यव योग, कमल योग, वापी योग, यूथ योग, सर योग, शकित योग, दण्ड योग, नौका योग, नेत्ररोगी योग, कूट योग, छत्र योग, चाप योग, समुद्र योग, गोल योग, युग योग, शूल योग, केदार योग, पाश योग, दाम योग, वीणा योग, अमल किर्ति योग, पर्वत योग, काहल योग सहित कई योग बताए गए हैं। इनमें से कुछ खास योग आपकी जन्मकुंडली में हों तो आपकी किस्मत संवर सकती है। ....

  • यह चीनी कलैंडर बता सकता है कि लडका होगा या लडकी?
    संतान सभी को प्याीरी होती है, भले ही वह लडका हो या लडकी लेकिन चीनी ज्योनतिष के अनुसार एक कलैंडर ऐसा भी जिसको देखकर आप यह जान सकते हैं कि आपके होने वाली संतान क्याक होग। यकीन नहीं हो तो इस कलैंडर को आजमा कर देख लें। मनचाही संतान प्रापित के लिए स्वरोदय विज्ञान का सिद्धांत आज भी लोक व्यवहार में काफी प्रचलित तथा फलदायी है। इस मकसद के लिए चीन का लिंग निर्धारण कैलेंडर विश्व विख्यात है, जो मनचाही संतान प्रापित का महत्वपूर्ण साधन है। ....

  • क्या आप जानते हैं मंदिर जाने के फायदे? इनको पढकर चौंक जाएंगे आप
    अक्सार घर के बुजुर्ग हमें अब सुबह मंदिर जाने की सलाह देते हैं। उनके अनुसार मंदिर जाने से न केवल मा‍नसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी सुकून मिलता है। वैज्ञानिक तौर पर देखा जाए तो मंदिर जाने के इतने फायदे होते हैं कि आदमी जानकर चौंक ही जाए। हम मनुष्यों को 5 इंद्रियां मिली हैं और मंदिर में किए जानेवाले प्रत्येक अनुष्ठान जैसे- घंटी बजाने, कपूर जलाने, फूल चढ़ाने, तिलक लगाने और मंदिर की प्रदक्षिणा करने का मतलब है, हमारी इन सभी इंद्रियों को सक्रिय करना। एक बार इन सभी इंद्रियों के सक्रिय हो जाने के बाद, मानव शरीर मंदिर में मौजूद सकारात्मक ऊर्जा को ज़्यादा से ज़्यादा ग्रहण कर सकता है। ये प्रथाएं वास्तव में, हमारे शरीर में सभी 7 चिकित्सा केंद्रों को सक्रिय करती हैं। इसमें कोई हैरानगी की बात नहीं है कि कई लोगों ने धार्मिक महत्व के स्थानों जैसे मंदिर, मस्जिद या चर्च में जाने के बाद पहले से बेहतर और ठीक होने की बात कही है।....

  • मनचाही नौकरी और काम-धंधे में बरकत लाते हैं तंत्र शास्त्र के ये चमत्कारी उपाय
    कई बार जीवन में ऐसे उतार-चढाव चलते रहते हैं कि लाख कोशिशों के बावजूद बिजनेस और नौकरी पर हमेशा संकट के बादल छाए रहते हैं। कहीं अच्छी नौकरी नहीं मिलती तो कहीं नौकरी या व्यवसाय में संघर्ष चलता रहता है। ऐसे में अक्सर लोगों को हताशा और निराशा घेर लेती है। ऐसे में निराश होने की बजाए यदि ज्योतिष की मदद ली जाए तो कुछ ही दिनों में इस परेशानी से पार पाई जा सकती है। ज्योतिष के अनुसार अच्छे व्यवसाय और जॉब के लिए कुछ खास उपाय बताए गए हैं, जिनको अपनाने से कुछ दिनों में जॉब, व्यवसाय पर असर दिखने लगता है-....

  • इन ज्योतिर्लिंगों के बारे में पढने, सुनने या देखने भर से आने लगती है समृद्धि, खुलते हैं भाग्य
    शिवपुराण के अनुसार ब्रह्म, माया, जीव, मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार, आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी को ज्योतिर्लिंग या ज्योति पिंड कहा गया है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार विक्रम संवत के कुछ सहस्राब्दी पूर्व संपूर्ण धरती पर उल्कापात का अधिक प्रकोप हुआ। जहां-जहां ये पिंड गिरे, वहां-वहां इन पवित्र पिंडों की सुरक्षा के लिए मंदिर बना दिए गए। इस तरह धरती पर हजारों शिव मंदिरों का निर्माण हो गया। उनमें से प्रमुख थे 108 ज्योतिर्लिंग। लेकिन वर्तमान में 12 ज्योतिर्लिंग मौजूद हैं। कहते हैं सावन के महीने में इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने, इनके बोर में सुनने या इनके चित्रों को देखने भर से पाप दूर होते हैं और महादेव की कृपा मिलने लगती है-....

  • पर्स का भी वास्तु होता है, लाल रंग का लिफाफा पर्स में रखने से नहीं रहेगी पैसों की कमी
    अक्सर सुनने में आता है कि घर का वास्तु, ऑफिस का वास्तु लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि अगर पर्स भी अगर वास्तुै के अनुसार रखा जाए या फिर वास्तु के अनुसार ही उसमें खास चीजें रखी जाए तो न केवल आपका पर्स भरा रहेगा बल्कि कभी पैसों की कमी भी नहीं रहेगी। वास्तुत के गणित को समझने से पहले यह जान लें कि जो वस्तु नकारात्मक ऊर्जा फैलाती हैं उन्हें हमारे आसपास से हटा देना चाहिए। इनसे हमारे सुख और कमाई पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आय बढ़ाने फिजूल खर्चों में कमी करने के लिए पर्स का वास्तु भी ठीक करने की आवश्यकता होती है।....

  • समुद्र शास्त्र के अनुसार आपके बाल बताते हैं आपका व्यक्तित्व
    भारतीय ज्योतिष में किसी भी भविष्यवाणी में समुद्र शास्त्र एक बहुत मजबूत आधार है। इसको आधार बनाकर कई तरह के नतीजों पर पहुंचा जा सकता है। इसमें एक है किसी भी जातक के बाल। बाल मृत कोशिकाओं से बने होते हैं। मनुष्य के चेहरे को आकर्षक बनाने में बालों का अहम योगदान होता है। आइए जानते हैं कैसे बाल वाले इंसान का नेचर कैसा होता है।....

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