केवल एक मंत्र के जाप से सब कुछ मिल सकता है

वेदों-उपनिषदों में सर्वकल्यांण के लिए अलग-अलग उपाय बताए गए हैं, लेकिन शिवपुराण के अनुसार केवल एक मंत्र के जाप करने भर से दुनिया की सभी सम्पन्नता हासिल की जा सकती है-
 

शिवपुराण के अनुसार “ॐ नमः शिवाय” एक ऐसा मंत्र जिसके नाम मात्रा से सभी बाधाएं ख़त्म हो जाती है। इसकी महिमा हमारे पुराणों में बताई गयी है। प्रणव मंत्र “ॐ” के साथ “नमः शिवाय”(पंचाक्षर मंत्र) का मेल करने से षड्क्षर मंत्र का निर्माण होता है। इसलिए इसे षड्क्षर मंत्र के नाम से जाना जाता है। आज हम “ॐ नमः शिवाय” मंत्र के अर्थ और महत्व के बारे में जानेंगे।
शिव पुराण के अनुसार यदि कोई भी इस मंत्र की महत्ता का वर्णन करना चाहे तो 100 करोड़ वर्षों के बाद भी यह संभव नहीं है। हमारे वेद और शैवागम में इस मंत्र को शिवभक्तों की मनोकामना पूर्ण करने वाला बताया गया है।
कई सिद्धियों का साधक यह मंत्र
कई प्रकार के सिद्धियों से युक्त है। इस मंत्र के उच्चारण मात्र से जप करने वाले और सुनने वाले दोनों का मन प्रसन्न, शांत और निर्मल हो जाता है। इस मंत्र का अर्थ है अपने जीवन से आत्म घृणा, तृष्णा, स्वार्थ, लोभ, ईर्ष्या, काम, क्रोध, मोह, इन सब को निकालकर प्रेम और आनंद से पूर्ण होकर उस परम परमात्मा परमेश्वर का सानिध्य प्राप्त करना अर्थात हमारे अंदर स्थित आत्म को परमात्मा में मिलाना।
मंत्रों की अनूठी शक्ति
शास्त्रों में उल्लेखित सभी पदों के अनुसार यह मंत्र इतना शक्तिशाली और ऊर्जा से परिपूर्ण है की जो भी मनुष्य या जिव इस मंत्र का उच्चारण करता है उसके दुखों और विनाश का नाश होता है। उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। शिव अर्थात कल्याणकारी लिंग अर्थात सृजन। सृजनहार के रूप में उत्पादक शक्ति के चिन्ह के रूप में ही शिवलिंग की पूजा की जाती है।
पूजा करने पर मंत्र का उच्चारण
इस मंत्र के जप करने का तरीका इस मंत्र का उच्चारण हमें प्रत्येक दिन रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए। जप हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख कर के करना चाहिए।
धन प्राप्ति के लिए: धन की प्राप्ति के लिए उपासक को भगवान शिव के शिवलिंग पर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र के उच्चारण के साथ बिल्व पत्र को अर्पित करना चाहिए। तत्पश्च्यात विधिवत पूर्वक भगवान शिव की आरती करें।
मुक़दमे में जीत के लिए यदि किसी मुक़दमे में बार-बार हार हो रही है तो विजय प्राप्ति के लिए “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करें तथा इसके साथ ही अष्ट धातु से निर्मित शिवलिंग की पूजा करें। इससे मुक़दमे या राजकीय कार्यों में जीत की प्राप्ति होती है।
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