इन ज्योतिर्लिंगों के बारे में पढने, सुनने या देखने भर से आने लगती है समृद्धि, खुलते हैं भाग्य

शिवपुराण के अनुसार ब्रह्म, माया, जीव, मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार, आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी को ज्योतिर्लिंग या ज्योति पिंड कहा गया है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार विक्रम संवत के कुछ सहस्राब्दी पूर्व संपूर्ण धरती पर उल्कापात का अधिक प्रकोप हुआ। जहां-जहां ये पिंड गिरे, वहां-वहां इन पवित्र पिंडों की सुरक्षा के लिए मंदिर बना दिए गए। इस तरह धरती पर हजारों शिव मंदिरों का निर्माण हो गया। उनमें से प्रमुख थे 108 ज्योतिर्लिंग। लेकिन वर्तमान में 12 ज्योतिर्लिंग मौजूद हैं। कहते हैं सावन के महीने में इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने, इनके बारे में सुनने या इनके चित्रों को देखने भर से पाप दूर होते हैं और महादेव की कृपा मिलने लगती है-

1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
पश्चिमी उत्तरप्रदेश के सौराष्ट्र इलाके में पड़ने वाले इस ज्योनर्तिलिंग के बारे में प्रचलित है कि इसे छ: बार ढहाया गया है और इसे छ: बार पुनर्निर्मित भी किया गया है. अंतिम बार इसका जीर्णोद्धार सन् 1947 में किया गया था। आदि ज्योतिर्लिंग के नाम से चर्चित यह ज्योतिर्लिंग सोमेश्वर को समर्पित है जिसके माथे पर चंद्रमा विराजते हैं।
2. मल्लिकार्जुन शिवलिंग
यह मंदिर आंध्र प्रदेश के श्रीसैलम क्षेत्र में स्थित यह मंदिर मल्लिकार्जुन स्वामी के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की दीवारों पर पुराने जमाने की कलाकारी देखी जा सकती है। इसके चर्चे सात समंदर पार भी सुने जाते है।
3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में रुद्र सागर झील के किनारे स्थित है यह मंदिर। इसे दक्षिणमुखी भी कहा जाता है क्योंकि यह दक्षिण की ओर मुंह किए रहता है। दुनिया के कुछ सबसे ही मशहूर मंदिरों और ज्योतिर्लिंग के तौर पर किसी एक का नाम लेना हो तो आप महाकालेश्वर का नाम ले सकते हैं।
4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
महादेव का एक और प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर है। मध्य प्रदेश के महेश्वर इलाके में स्थित यह ज्योतिर्लिंग अति पावन स्थल नर्मदा और कावेरी के संगम स्थल को और भी परिमार्जित कर देता है।
5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड राज्य की आन-बान-शान है। इसे देश के छोटा चार धाम में शुमार किया जाता है। सर्दियों के दौरान यहां की मूर्तियां उखीमठ ले आई जाती हैं, जहां छ: माह तक पूजा-अर्चना होती है।
6. भीमशंकर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग स्थल महाराष्ट्र के पूणे शहर के नज़दीक स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग पश्चिमी घाट के इलाके में पड़ता है जो उसके जीव-जंतु और पेड़-पौधों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
7. विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग काशी और मां गंगा के तट के किनारे स्थित है। यहां दिन में पांच बार आरती होती है और यहां के नज़दीकी गंगा घाट जिसे दशाश्वमेध घाट कहा जाता है की शाम की गंगा आरती को देखने के लिए श्रद्दालु पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से आते हैं।
8. त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक शहर का हिस्सा है। यह एक अति प्राचीन और हिन्दूओं के बीच काफ़ी सम्मान से देखा जाने वाला ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग के तीन चेहरे हैं, जिसमें ब्रम्हा-विष्णु और महेश के दर्शन किए जा सकते हैं।
9. बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग झारखंड राज्य के देवघर शहर में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यहां माता सती का हृदय गिरा था। इस तीर्थ स्थल से रावण और शिव की भी कई कहानियां जुड़ीं हैं।
10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
इसे पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह तीर्थस्थल गुजरात प्रांत के द्वारका शहर में स्थित है, यह ज्योतिर्लिंग भी दक्षिणमुखी है। इस ज्योतिर्लिंग को अल्मोड़ा-उत्तराखंड, नागेश्वर-द्वारका-गुजरात और महाराष्ट्र में स्थित नागनाथ मंदिर के बिल्कुल नज़दीक माना जाता है।
11. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग तमिलनाडू में है। रामेश्वर का मतलब राम का प्रभु होता है जो विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं। रामेश्वरम को पंबन नामक पुल जो कि पाक स्ट्रेट पर बना है रामेश्वरम को ज़मीन के दूसरे भाग से जोड़ता है।
12. ग्रिश्नेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह मशहूर ज्योतिर्लिंग औरंगाबाद के पास स्थित है। कहते हैं यहां दर्शन-पूजन करने वालों की सभी मन्नतें पूरी होती हैं।
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