5 मार्च से लगेंगे होलाष्टक, क्या करें, क्या नहीं करे?

होली से ठीक आठ दिन पहले यानी 5 मार्च प्रातः 07:43 बजे के बाद से होलाष्टक लग जाएंगे जो होलिका दहन के दूसरे दिन समाप्त होंगे। इन दिनों में कोई भी कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

क्या होता है होलाष्टक?
होलाष्टक के आठ दिनों में यानी अष्टमी से पूर्णमासी में केतु ग्रह को छोड़कर अन्य आठों ग्रह चंद्रमा, सूर्य, शनि, शुक्र, गुरु, बुध, मंगल और राहु क्रम से उग्र स्वरुप धारण कर लेते हैं इस कारण इन दिनों में शुभ कार्य निषिद्ध समझे जाते हैं।

ये भूलकर काम भी ना करें
होलाष्टक अवधि में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य जैसे विवाह, नामकरण, गृह प्रवेश, नए वाहन या संपत्ति की खरीद आदि पर रोक रहती है। माना जाता है कि होलाष्टक में शुभ कार्य करने से विपरीत परिणाम मिलते हैं तथा कार्य में रुकावट आने से मानसिक और शारीरिक तनाव एवं कष्ट उत्पन्न होता है।

होलाष्टक की शुरुआत
होलाष्टक के बारे में कहा जाता है कि जिस दिन भगवान शिव ने कामदेव को क्रोधावेश में आकर भस्म किया था उस दिन फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि थी। तभी से होलाष्टक की शुरुआत मानी जाती है। वहीँ एक अन्य मान्यता के अनुसार भगवान कृष्ण ने जिस दिन गोपियों के साथ होली खेलना शुरू किया उस दिन अष्टमी थी। लगातार आठ दिनों तक होली खेलने के बाद रंगों से सराबोर वस्त्रों को होलिका दहन के बाद अग्नि में समर्पित किया गया था। तभी से होलाष्टक की शुरुआत हुई और इनका समापन होलिका दहन के बाद होली खेलने के साथ हुआ।

14 मार्च से खरमास लगेगा
मंगलवार 14 मार्च को शाम 7:13 पर सूर्य कुंभ राशि से निकलकर बृहस्पति की मीन राशि में प्रवेश करेगा। जब सूर्य धनु और मीन राशि में होते है तो खरमास या मलमास होता है। सूर्य मीन राशि में गुरुवार 13 अप्रैल की रात 3:31 बजे तक रहेगा। उसके बाद सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेगा। होलाष्टक की तरह खरमास में विवाह, शुभ, मांगलिक कार्य, व्यापार प्रारम्भ, गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं करने की मान्यता है।

13 मार्च को खेली जाएगी
होली रविवार 12 मार्च को होलिका दहन प्रदोषकाल में किया जाएगा। शास्त्रीय नियमों के अनुसार होलिका दहन के समय भद्रा नहीं होनी चाहिए। सूर्यास्त के बाद अंधेरा होना चाहिए। इसके साथ ही पूर्णिमा का दिन होना चाहिए। पूर्णिमा का मान 12 मार्च को शाम 7:26 मिनट तक ही है। उसके बाद प्रतिपदा लग जाएगी। इसलिए बेहतर है होलिका दहन सूर्यास्त के बाद शाम 6:15 से शाम 7:26 तक कर लिया जाए। सोमवार 13 मार्च को होली खेली जाएगी।
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