सोई हुई किस्मत खोलने के लिए करें प्रतिदिन इन यंत्रों की करें पूजा

प्रत्येक देवी-देवता एवं ग्रहों के लिए विशेष यंत्र होते हैं जो देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए और ग्रहों को अनुकूल बनाने के लिए करते हैं। आइये आज हम जानें किस यंत्र का प्रयोग करना शुभ और लाभकारी होता है।

बगलामुखी यंत्र: इस यंत्र को सिद्ध करने के लिए सर्वप्रथम शुभ मुहूर्त में इसे अपने सामने रख कर माँ बगलामुखी के मंत्र का जप करना चाहिए। ध्यान रहे जब भी हम इस मंत्र का जप करें उस वक्त पिले वस्त्र का धारण होना जरुरी है तथा जप के लिए हल्दी की गांठ की माला का उपयोग करना सर्वोत्तम है। यंत्र को सामने रखकर इस मंत्र का जप 36 हजार की संख्या में करें। यंत्र बुरी शक्तियों और शत्रुओं द्वारा किये गए टोटके को नाश करता है।
चंद्र यंत्र: यदि किसी व्यक्ति के कुंडली में चंद्र अशुभ स्थित में है तो उस व्यक्ति को चंद्र यंत्र के चल और अचल प्रतिष्ठा करके पूजा करना चाहिए। इस यंत्र के साथ शिव की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इस यंत्र की पूजा करने का शुभ दिन शुक्ल पक्ष का सोमवार या पूर्णिमा का दिन है। इस दिन शुभ मुहूर्त देखकर यंत्र को स्थापित करके उसकी पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से भय का नाश होता है और शरीर स्वस्थ होता है। व्यापार तथा नौकरी में आ रही रुकावटें ख़त्म होती है।
दुर्गा बीसा यंत्र: इस यंत्र का उपयोग करने इस लिए किया जाता है ताकि चोर भय, अग्नि का भय-लड़ाई इत्यादि से बचा जा सके। इस यंत्र को सामने रखकर शुभ मुहूर्त में हनुमान चालीसा का एक सौ आठ बार पाठ करें। इसे अपने सिरहाने रखें यदि बुरे सपने आते हैं तो। महाकाली यंत्र: ये सबसे शक्तिशाली यंत्र माना जाता है। इस यंत्र की पूजा नित्य दिन प्रातः काल स्नान करके साफ वस्त्र को धारण करके ऊं क्रीं कालीकायै नम: मंत्र का जप करें। इससे मनोकामना की पूर्ति होती है। वाद-विवाद, मुकदमें या किसी भी प्रकार के शास्त्रार्थ में विजय प्राप्त होता है।
सूर्य यंत्र: इस यंत्र का प्रयोग उन व्यक्ति को करना सबसे लाभकारी होगा जिनकी कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में हो तथा उसे प्रत्येक कामों में असफलता ही मिलती हो, उसके द्वारा किये गए कामों का यश उसे प्राप्त नहीं होता हो, सम्मान नहीं मिलता हो। शास्त्र के अनुसार इस स्थिति में सूर्य यंत्र की पूजा विधि-विधान से करना चाहिए। इस यंत्र की पूजा के लिए सर्वप्रथम यंत्र की स्थापना रविवार या किसी शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। प्रातः काल स्नान करके सूर्य देव को नमन करें। तत्पश्च्यात यंत्र को गंगा जल व् गाय के दूध से स्नान कराएं।
विधि पूर्वक पूजा करने के पश्च्यात सूर्य मंत्र का जप करें। ॐ घृणि सूर्याय नमः। जप के पश्च्यात इसे अपने पूजा स्थल पे रख दें।तथा प्रत्येक दिन बताये गए मंत्र का जप करें। इससे सूर्य सम्बन्धी सारे समस्या का नाश होगा।
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