अमावस के दिन इन खास मन्त्रों के जाप से से दूर होगी पैसों की कमी, नहीं रहेगी आर्थिक समस्या

जब समस्याएं मनुष्य के नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं, तब ईशाराधना ही एकमात्र उपाय होता है और ईशाराधना का सर्वश्रेष्ठ साधन मन्त्र जप एवं समर्पण है। यदि आपकी भी निम्‍नलिखित में से कोई आर्थिक समस्या है, तो उसे संबंधित मन्त्र के जप से दूर किया जा सकता है।

1. अमावस की रात्रि को पूर्व दिशा की ओर मुख करके नि नलिखित मन्त्र की सात माला का जप करें। उसके पश्चात् एक माला नित्य जप करें। इस प्रयोग से दरिद्रता का नाश होता है।
मन्त्र : ओम क्रीं कालिके दरिद्रता विनाशिन्ये हुँ फट्।

2. यदि
बहुत अधिक ऋण के चक्कर में फंसने के कारण आप परेशान हैं, तो अमावस को महालक्ष्मी पूजन करने के पश्चात् निम्‍नलिखित मन्त्र की 11 मालाओं का जप करें। इससे राहत मिल सकती है।
 मन्त्र : ओम पद्मावती पद्मनेत्रे पद्मासने लक्ष्मीदायिनी वांछा भूत-प्रेत निग्रहणी सर्वशत्रु संहारिणी दुर्जन मोहिनी ऋद्धि वृद्धि कुरु-कुरु स्वाहा। ओम ह्रीं श्रीं पद्मावत्यै नम:।

3. अमावस को व्यवसाय स्थल पर नि नलिखित मन्त्र की एक माला का जप करें। इससे व्यवसाय में लाभ होता है।
मन्त्र : ओम ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धनपूरये पूरये चिन्ता दूरये दूरये स्वाहा।

 4. व्यापारिक उन्नति के लिए तथा मन्दी को दूर करने के लिए अमावस को कार्यालय खोलने के पश्चात् इस मन्त्र की एक माला का जप करना चाहिए।
मन्त्र : श्री शुक्ले महाशुक्ले कमलदल निवासे श्री महालक्ष्मी नमो नम:। लक्ष्मी माई सत्त की सवाई, आओ चेतो, करो भलाई, ना करो तो सात समुद्रों की दुहाई॥ रिद्धि-सिद्धि उखगे तो नौ नाथ चौरासी सिद्धों की दुहाई॥

5. यदि आप ऋण के भयंकर जंजाल में फंस चुके हैं और कोई भी रास्ता नज़र नहीं आ रहा है, तो अमावस के दिन इस मन्त्र की 11 मालाओं का जप करना चाहिए।
मन्त्र : ओम गणेशं ऋणं छिन्दिं वरेण्यं हुं नम: फट्।

6. यदि आप अपनी आय से सन्तुष्ट नहीं हैं और अपनी आय को बढ़ाना चाहते हैं, तो दीपावली के दिन नि नलिखित मन्त्र की एक माला जप करने के पश्चात् नित्य नौ बार जप करें।
मन्त्र : विष्णुप्रिया लक्ष्मी! शिवप्रिया सती से प्रगट हुई कामाक्षा भगवती! आदिशक्ति युगलमूर्ति महिमा अपार, दोनों की प्रीति अमर जाने संसार। दोहाई कामाक्षा की, दोहाई दोहाई। आय बढ़ा, व्यय घटा, दया कर माई। ओम नम: विष्णुप्रियायै। ओम नम: शिवप्रियायै। ओम नम: कामाक्षायै, ह्रीं ह्रीं फट् स्वाहा॥

7. यदि आप अपनी आर्थिक स्थिति से सन्तुष्ट नहीं हैं और धन की कमी के कारण भौतिक सुखों को प्राप्त करने में असमर्थ हैं, तो अमावस की रात्रि को स्नानादि से निवृत्त होकर पीले वस्त्र धारण करके पीले रंग के आसन पर बैठकर नि नलिखित मन्त्र की 11 मालाओं का जप करें।
मन्त्र : ओम दारिद्र्य विनाशिनी अष्टलक्ष्मी कनकावती सिद्धिं देहि नम:।
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