जानिए-श्राद्ध में क्यों नहीं खरीदते नई वस्तुएं
            Astrology Articles   I   Posted on 16-09-2019  ,17:01:47   I  by: vijay
            
            
            पितृ पक्ष प्रारंभ हो गया है, जो 28 सितंबर तक चलेगा। पितृ पक्ष में पितरों
 की तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। इन दिनों में पितरों को 
पिण्ड दान तथा तिलांजलि कर उन्हें संतुष्ट करना चाहिए। श्राद्ध के सोलह 
दिनों में लोग अपने पितरों को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर श्राद्ध 
करते हैं। इन 16 दिनों में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, उपनयन 
संस्कार, मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं होंगे। इतना ही नहीं, श्राद्ध पक्ष 
में नई वस्तुओं की खरीद भी वर्जित है। इन 16 दिनों में आपको नया मकान, वाहन
 आदि का क्रय नहीं करना चहिए।             
             
              
              
              
            
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष अपने पितरों से जुड़ा पर्व है। इसमें 16 दिनों तक पितरों की 
तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं। उनको भोजन और तर्पण देते हैं ताकि 
उनकी आत्मा को शांति मिले। श्राद्ध से हम उन्हें सम्मान और आदर प्रकट करते 
हैं।
ऐसी मान्यता है कि हमारे पूर्वज किसी न किसी रूप में आकर दिए 
गए भोज्य पदार्थों को ग्रहण करते हैं, जिससे उनकी आत्माएं तृप्त होती हैं 
और आशीर्वाद देती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 16 दिनों तक चलने वाला पितृ पक्ष श्राद्ध का 
मृत्यु से संबंध होता है, इसलिए श्राद्ध पक्ष को शुभ नहीं माना जाता है। 
जिस प्रकार हम अपने परिजनों की मृत्यु पर शोकाकुल रहते हैं, शुभ और मांगलिक
 कार्यों नहीं करते हैं, ठीक वैसे ही पितृ पक्ष में होता है।
हमारे 
पूर्वजों की आत्माएं जब पृथ्वी लोक में आती हैं, तब ऐसे समय में हम नई 
वस्तुओं की खरीदारी करेंगे या मांगलिक कार्य करेंगे तो हो सकता है कि वे 
नाराज हो जाएं। इसका खामियाजा हमें भुगतना पड़े, इसलिए लोग पितृ पक्ष में 
शुभ कार्य नहीं करते हैं।
श्राद्ध पक्ष में शुभ कार्यों के न करने 
का एक और कारण है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य जब दक्षिणायन होते 
हैं तो शुभ कार्य नहीं होते हैं। श्राद्ध पक्ष भी सूर्य के दक्षिणायन रहने 
के समय ही आता है।
हालांकि एक मत यह भी है कि पितृ पक्ष में नई 
वस्तुओं की खरीदारी करनी चाहिए। जब हमारे पितर आएंगे तो हमें सुखी देखकर वे
 भी खुश होंगे, उनकी आत्माएं तृप्त होंगी।
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