ज्योतिष कहता है कि इन खास चीजों को खाने से ही राजी हो जाएंगे सभी ग्रह

हर ग्रह का अलग-अलग स्वामी होता है। इसी के अनुसार यदि खाने-पीने की चीजों का सेवन किया जाए तो बुरे दिन भी अच्छे दिनों में बदलने लगते हैं। जैसे राहु ग्रह के दोषों के निवारण के लिए सरसों का तेल, बैंगन, गर्म मसाला, जायफल, जीरा, कीवी, कटहल, मौठ आदि का सेवन करना चाहिए तथा केतु ग्रह के दोषों को दूर करने के लिए असगंध, गेहूं, अमचूर, जीरा, गर्म मसाला, मौठ, कटहल आदि का सेवन किया जा सकता है।

ज्योतिष में नवग्रहों के अशुभ, नीच या शत्रु राशि में होने अथवा उन पर पाप ग्रहों की दृष्टि पड़ने के कारण जीवन में बहुत सी समस्याओं जैसे दुःख, कष्ट, धन या संतान की कमी, बीमारी, शत्रुओं से हानि, ऋण का बोझ, दुर्घटना, परिवार में कलह, अपमान, नौकरी या व्यापार में अवरोध, विवाह में देरी आदि का सामना करना पड़ता है। इनके निवारण के लिए अनेक ज्योतिषीय उपायों का सहारा लिया जाता है। वहीं अगर हम अपने रोजमर्रा के जीवन में अशुभ प्रभाव दे रहे ग्रहों से संबंधित खाद्य पदार्थ, अनाज, फल आदि का सेवन करें, तो भी ग्रह दोषों से मुक्ति पाई जा सकती है।

सूर्य ग्रह द्वारा उत्पन्न पीड़ा और बीमारी से निवृत्ति के लिए गेहूं, गुड़, केसर, साठी चावल, खस, गेहूं और गुड़ से बना दलिया या हलवा, लाल खांड, तांबे के बर्तन में रखा गया जल, सेंधा नमक, आड़ू, आलू बुखारा आदि का सेवन किया जा सकता है।
चंद्र ग्रह के दोषों को दूर करने के लिए गाय का दूध, घी, दही, मिश्री, चावल, चीनी, खजूर, सफ़ेद खांड, चांदी की भस्म, दूध-चावल की खीर आदि का सेवन करना चाहिए।
मंगल ग्रह के दोषों को दूर करने के लिए स्वर्ण भस्म, लाल मसूर, गुड़, केसर, कस्तूरी, लाल गेहूं, लाल रंग के फल और सब्जियां आदि का सेवन किया जा सकता है।
बुध ग्रह के दोषों से निवारण के लिए मूंग की दाल से बना हलवा या पंजीरी या लड्डू, तुलसी दल, हरे रंग की सब्जी और फल, हरी इलायची, साबुत हरी मूंग, केला, शहद, जायफल, धनिया, हरी मटर आदि का सेवन करना चाहिए।
गुरु ग्रह की शांति के लिए मुलहठी, गुड़, पीले फल एवं सब्जी, चने की दाल, बेसन, हल्दी या केसर मिश्रित चावल, बेसन के लड्डू, पीले रंग की दाल आदि का सेवन किया जा सकता है।
शुक्र ग्रह के दोषों को दूर करने के लिए मूली, जायफल, ,कच्चा नारियल, खीरा, पेठा, सेब, पोहा, चावल से बनी लाई आदि का सेवन सकता है।
शनि ग्रह की शांति के लिए तिल का तेल, कस्तूरी, काली मिर्च, काली उड़द की दाल, काली मसूर, काले अंगूर, भैंस का दूध व दही, राजमा, काले चने, फालसा, जामुन आदि के सेवन से लाभ मिलता है।
राहु ग्रह के दोषों के निवारण के लिए सरसों का तेल, बैंगन, गर्म मसाला, जायफल, जीरा, कीवी, कटहल, मौठ आदि का सेवन करना चाहिए।
केतु ग्रह के दोषों को दूर करने के लिए असगंध, गेहूं, अमचूर, जीरा, गर्म मसाला, मौठ, कटहल आदि का सेवन किया जा सकता है।
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