Astrology Articles

  • ऎसे करें कन्या पूजन, दूर होंगे घर के सारे दोष
    हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। अष्टमी व नवमी तिथि के दिन तीन से नौ वर्ष की कन्याओं का पूजन किए जाने की परंपरा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार तीन वर्ष से लेकर नौ वर्ष की कन्याएं साक्षात माता का .......

  • भक्तों की ग्रह बाधा दूर करती है मां कालरात्रि देवी
    मां दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम जानी जाती हैं। आज के दिन श्रद्धालु देवी की सातवीं शक्ति मां कालरात्रि की आराधना करते है और इस पूजन से भक्तों को मन की शांति मिलती है .......

  • भक्तों को कभी भी निराश नहीं करती मां कात्यायनी
    नवरात्र के छठा दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है, जो अपने भक्त की हर मुराद पूरी करती हैं। बताया जाता है कत नाम के एक प्रसिद्ध महर्षि थे, उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे। इन्होंने ......

  • क्यों जरूरी हैं नवरात्रों में ब्रह्मचर्य का पालन
    शास्त्रों और पुराणों के अनुसार शारदीय नवरात्र अधिक महत्वपूर्ण है। प्राचीन काल में नवसंवत्सर से आरंभ होने वाला नवरात्र ही अधिक प्रचलित था। नवरात्र का अर्थ है नौ रातें। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती .........

  • संतान सुख के लिए करें स्कंदमाता की आराधना
    नवरात्र के पांचवें दिन मां दुर्गा के नौ रूपों में से स्कंदमाता रूप की पूजा की जाती है। स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं। माता अपने दो हाथों में कमल पुष्प धारण किए हुए हैं और एक हाथ से कुमार कार्तिकेय को गोद लिए हुए .........

  • उन्नति के लिए करें मां कूष्माण्डा की उपासना
    मां दुर्गा का चौथा स्वरूप कूष्माण्डा देवी का है। इसलिए नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्माण्डा देवी की पूजा और आराधना की जाती है। जब सृष्टि की उत्पत्ति नहीं हुई थी, तब हर तरफ घना अंधकार था........

  • भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां चंद्रघंटा
    मां दुर्गा की तीसरी शक्ति चंद्रघंटा है। नवरात्रि में तीसरे दिन इसी देवी की पूजा-आराधना की जाती है। देवी का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इसीलिए कहा जाता है कि हमें निरंतर उनके पवित्र विग्रह को ध्यान में रखकर साधना .......

  • मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी देवी
    आज नवरात्र का दूसरा दिन है। नवरात्र के दूसरे दिन "भगवती मां ब्रह्मचारिणी" की पूजा का विधान है। साधक एवं योगी इस दिन अपने मन को भगवती मां के श्री चरणों मे एकाग्रचित करके स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित करते हैं और मां की कृपा प्राप्त ........

  • पहला नवरात्र आज, मां शैलपुत्री की पूजा
    वैसे तो साल में दो बार नवरात्र आते है। एक तो चैत्र मास में और दूसरा आश्विन मास में होता है। इस बार 13 अक्टूबर से नवरात्र शुरू हो रहे है। जो कि 21 अक्टूबर तक चलेगें। 22 अक्टूबर को दशमी है। नवरात्र पूजन के प्रथम दिन मां शैलपुत्री जी का पूजन होता है। माँ शैलपुत्री दाहिने हाथ में ........

  • मां दुर्गा की कृपा प्राप्ति के सरल नियम
    जगत् जननी, शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की उपासना एक ऎसा मार्ग है जिस पर चलकर मनुष्य सभी सुखों का उपभोग व अपने कर्त्तव्य का पालन करके मोक्ष प्राप्त करता है। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा विशेष फलदायी है। मनुष्य की शक्तियां ........

  • नवरात्र में इन 5 नियमों का पालन जरूरी
    शास्त्रों और पुराणों के अनुसार शारदीय नवरात्र अधिक महत्वपूर्ण है। प्राचीन काल में नवसंवत्सर से आरंभ होने वाला नवरात्र ही अधिक प्रचलित था। लेकिन कलियुग में शारदीय नवरात्र का महत्व बढ़ गया है। शास्त्रों में नवरात्र को आध्यात्मिक चेतना ........

  • राशि अनुसार करें मां दुर्गा की पूजा, पूर्ण होंगी मनोकामनाएं
    13 अक्टूबर, मंगलवार से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे है। इस वर्ष संयोगवश दुर्गाअष्टमी और दुर्गानवमी एक ही दिनांक यानी 21 अक्टूबर के दिन है। नवरात्र के 9 दिनों में देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा का हर रूप ........

  • नवरात्र : कलश स्थापना मुहूर्त और पूजन विधि
    13 अक्टूबर, मंगलवार से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे है। इस वर्ष संयोगवश दुर्गाअष्टमी और दुर्गानवमी एक ही दिनांक यानी 21 अक्टूबर के दिन है। 22 अक्टूबर के दिन .......

  • श्राद्ध और तर्पण का महत्व : क्यों करें एवं कैसे करें!
    श्राद्ध पक्ष का हिन्दू धर्म में बडा महत्व है। प्राचीन सनातन धर्म के अनुसार हमारे पूर्वज देवतुल्य हैं और इस धरा पर हमने जीवन प्राप्त किया है और जिस प्रकार उन्होंने हमारा लालन-पालन कर हमें कृतार्थ किया है उससे हम उनके ऋणी हैं। समर्पण .......

  • क्या होता है पितृदोष व मातृदोष, मुक्ति के 7 उपाय
    पितृ पक्ष सूर्योपासना का पर्व है, सूर्य ऊर्जा देता है। प्रकाश देता है। जीवनीशक्ति का संवाहक है। पृथ्वी पर जीवंतता का आधार है। सूर्य की उपासना से व्यक्ति समस्त दोषों का नाश कर सकता है। ज्योतिष में सूर्य को पिता का स्वरूप है। पिता की महानता .......

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