सुखी और खुशहाल जीवन जीना चाहते हैं तो करें केवल यह एक उपाय
धार्मिक ग्रंथों और पुराणों के अनुसार सतयुग में तप, त्रेता युग में ज्ञान, द्वापर युग में यज्ञ और कलियुग में एकमात्र दान ही मनुष्य के कल्याण का सहज मार्ग है। उचित पर सुपात्र को निःस्वार्थ भाव से दान करने से इस जीवन में परम आनंद व सुख का अनुभूति तो होती ही है, मृत्यु के बाद परलोक में भी श्रेयस एवं शांति की प्राप्ति होती है। ....
दुर्भाग्य को सौभाग्य में भी बदलने के लिए करें ये चमत्कारिक प्रयास
आपका कोई भी काम अच्छा नहीं चल रहा। हर जगह आपको विफलताएं मिलने लगी हो तो
समझिए कि दुर्भाग्य आपका पीछा कर ........
खुशियों में बढोतरी के लिए अपनाएं ये चमत्कारी फेंगशुई उपाय
नाम, शौहरत और पैसा ..यह ऐसी चीजें हैं जिन्हें हर इंसान चाहता है। हर
इंसान जीवन भर इन्हीं तीन चीजों के लिए परेशान रहता ....
पंजाब में है चमत्कारी बरगद का पेड, सब मन्नतें करता है पूरी
चमत्कार तो आपने जीवन में बहुत देखे होंगे लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं
ऐसे चमत्कारी पेड के बारे में जिसके नीचे खडे होकर ....
इन सपनों का मतलब कुछ अनहोनी होने वाली है
स्वप्न एक ऐसा ही माध्यम है, जो हमें आने वाले कल की सूचना या संकेत दे
सकते हैं। सपने न सिर्फ शुभ-अशुभ घटनाओं के.......
पानी के इन टोटकों से हो जाएगी बल्ले–बल्ले
ज्योतिष के अनुसार जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए आप
बहुत ही आम उपायों को भी अपना सकते हैं। ऐसा ही एक....
मां लक्ष्मी तक बात पहुंचाने का माध्यम है आमला नवमी, 29 अक्टूबर को करें इस विधि-विधान से पूजा
पूरे देश में 29 अक्टूबर को आमला नवमी मनाई जाएगी। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी या अक्षय नवमी कहते हैं। इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा की जाती है जिससे अखंड सौभाग्य, आरोग्य, संतान और सुख की प्राप्ति होती है। अक्षय नवमी का शास्त्रों में वही महत्व बताया गया है जो वैशाख मास की तृतीया यानी अक्षय तृतीया का है। शास्त्रों के अनुसार अक्षय नवमी के दिन किया गया पुण्य कभी समाप्त नहीं होता। इस दिन जो भी शुभ कार्य जैसे दान, पूजा, भक्ति, सेवा की जाती है उसका पुण्य कई-कई जन्म तक प्राप्त होता है।....
26 से शनिदेव करेंगे धनु में प्रवेश, राशि परिवर्तन से इन 4 राशियों का होगा भाग्योदय
देखा जाए तो दंड नायक के नाम से मशहूर शनिदेव 26 जनवरी 2017 को ही धनु राशि में प्रवेश कर गए थे लेकिन वक्री होने से 20 जून को फिर से शनि वृश्चिक राशि में आ गए। पूर्ण रूप से शनि का धनु राशि में प्रवेश परसों यानी 26 अक्टूबर, गुरूवार को मध्याह्न 3 बजकर 20 मिनट पर शनि का धनु राशि में प्रवेश होगा और जनवरी 2020 तक शनि धनु राशि में ही रहेंगे। इस दौरान कुछ राशियों पर रहेंगे संकट के बादल और कुछ रहेंगी मौज में-....
हर काम में सफल होने और व्यापार में लाभ के लिए करें चंद्र देव की ऐसी उपासना
स्वास्थ्य, सौंदर्य, प्रेम, सम्मान और पारिवारिक सुख व शांति के लिए
चंद्र देव की उपासना की जाती है। जीवन में मानसिक........
आपके पलंग और तकिए से बात करते हैं ग्रह, कुछ खास उपायों से ग्रह हो सकते हैं शांत
अगर आपके सितारे गर्दिश में चल रहे हैं और आप उनमें परिवर्तन लाना चाहते
हैं तो जरूरी नहीं कि इसके लिए आपको बहुत अधिक ........
आप जानते हैं कि कौनसी दिशा है शुभ और कौनसी अशुभ?
अगर आप घर या कार्यस्थल में इन दिशाओं के लिए बताए गए वास्तु सिद्धांतों
का अनुपालन करते हैं, तो इसका सकारात्मक परिणाम.......
उपहार में मिला जूता पहनना बरबादी को न्योेता देना है
ज्योतिष के अनुसार जूते शनि ग्रह से जुडे हुए हैं। इसलिए ही शनि दोष
होने पर व्यक्ति को जूते दान करने के लिए कहा जाता है....
इस घास का तिलक रोज लगाने से बनने लगते हैं धन के महायोग
धार्मिक ग्रंथो एवं पुराणों में दुर्वा घास को बहुत ही चमत्कारिक माना
गया है। सफेद गाय का दूध तथा दुर्वा घास को मिलाकर उसका तिलक करने से....
अच्छी नौकरी की समस्या होगी तुरंत दूर, अपनाएं ये उपाय
कभी कभार दिनमान इतने खराब चल रहे होते हैं कि नौकरी पर संकट आने लगता है। बेरोजगारी का डर सताने लगता है। ऐसे में घबराने की बजाए यदि ज्योतिष और वास्तु द्वारा सुझाए कुछ उपायों को अपनाए जाएं तो कुछ ही दिनों में अच्छी जॉब की टेंशन दूर हो जाएगी और आप खुद को व्यवस्थित पाएंगे। ....
कार्तिक में इस पेड की पूजा से सभी सुख आएंगे झोली में
कार्तिक का महीना हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और शुभ माना है। इस महीने यदि एक खास पौधे की पूजा नियमित और श्रद्धा से की जाए तो जीवन के सभी सुख झोली में आने लगते हैं। कहते हैं कि अगर कोई अपने मन की बात, भगवान को सीधे न कह सके, तो वह तुलसी के माध्यम से अपनी बात, भगवान तक पहुंचा सकता है। भगवान कृष्ण भी किसी की बात सुनें या न सुनें, लेकिन तुलसी जी की बात, हर हाल में सुनते हैं। तो अगर आपको सुख, दु:ख भगवान से शेयर करना हो तो उसके लिये पुराणों में बताई गई विधि से, तुलसी माता की पूजा करनी होगी। इसी विधि से भगवान श्रीहरि विष्णु ने भी तुलसी को प्रसन्न किया था। ....