वास्तु में ये गलतियां ना हो तो होंगे वारे-न्यारे, सुख-समृद्धि घर में पसरेगी

वास्तु, प्रकृति से मनुष्य के सामंजस्य को बनाये रखने की वह अद्भुत कला है जो दस दिशाओं (पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, उत्तर-पूर्व यानी ईशान, दक्षिण पूर्व यानी आग्नेय, दक्षिण- पश्चिम यानी नैऋत्य , उत्तर -पश्चिम यानी वायव्य, आकाश और पाताल) तथा पांच तत्वों (आकाश, वायु, जल, अग्नि एवं पृथ्वी) पर आधारित होती है। किसी भी दिशा या तत्व के असंतुलित अथवा दोषपूर्ण हो जाने से वास्तु नकारात्मक प्रभाव देने लगती है। जिसके कारण उसमें रहने वालों को बहुत सी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। ऐसे में कुछ खास बातों को ध्यान में रखने से घर में बरकत आती है और पैसों की कभी कमी नहीं आती।


महिलाओं के ये 6 राज जान चौंक जाएंगे आप
पत्नी को नींद न आए,नींद पूरी न हो तो समझो


जिस तरह से भवन या भूखंड के निर्माण में वास्तु के नियमों का पालन किया जाता है , उसी तरह निर्मित भवन के भीतर भी उपयोग में आने वाले सामान को सही दिशा में रखना आवश्यक है, वरना उसका नकारात्मक असर वहां रहने वालों को प्रभावित करेगा।

ड्रेसिंग टेबल आज के समय में सबसे अधिक उपयोग में आती है। भवन के उत्तर या पूर्व की दिशा इसके लिए उपयुक्त मानी गयी है। परंतु इसमें ध्यान रखने वाली बात यह है कि ड्रेसिंग टेबल में लगा आईना सोने के पलंग के ठीक सामने न हो और सोते समय उसमें शरीर का कोई अंग भी दिखाई न देता हो। यदि ऐसा है तो सोने से पहले उस आईने को ढक देना चाहिए अन्यथा पति-पत्नी के रिश्ते तो खराब होंगे ही, बीमारिया भी पीछा नहीं छोड़ेंगी। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे टीवी, फ्रिज, कंप्यूटर, जनरेटर, ट्रांसफॉर्मर, इन्वर्टर, मिक्सी, विद्युत् मीटर आदि को सदैव दक्षिण पूर्व अथवा दक्षिण दिशा में ही रखना चाहिए।

किचन में गैस या स्टोव को दक्षिण-पूर्व में रखना उचित होता है। वाशिंग मशीन को उत्तर-पश्चिम दिशा में ही रखना चाहिए अगर इस दिशा में जगह न हो तो उत्तर या पूर्व के मध्य में भी रख सकते हैं। घर-परिवार में अनावश्यक पैसा खर्च न हो, इसके लिए धन और आभूषण रखने की आलमारी या तिजोरी को दक्षिण दिशा की दीवार से लगाकर इस प्रकार रखें कि उसके दरवाजे उत्तर दिशा में खुलें।

बैडरूम में तिजोरी को भूलकर भी नहीं रखना चाहिए। बेडरूम के दरवाजे के ठीक सामने पलंग को रखना दोषपूर्ण है। इसके अलावा बैडरूम में युद्ध, लड़ाई, डूबता सूर्य, मृत पशु या मनुष्य की तस्वीर लगाने से बचना चाहिए वरना इनसे निकलने वाली नकारत्मक ऊर्जा जीवन को प्रभावित करेगी। पति-पत्नी के अच्छे संबंधों के लिए बैडरूम में लवबर्डस, राधकृष्ण, शंख या हिमालय आदि की तस्वीर लगाई जा सकती है।

भवन के गेस्टरूम में आलमारी के लिए उपयुक्त स्थान पश्चिम या दक्षिण की दीवार है। मेज या कुर्सी पूर्व या उत्तर की ओर रखें। गेस्टरूम में अलग से पूजा घर न बनवाएं। घर में टूटा दर्पण या बंद घड़ी कभी न रखें। घड़ी के लिए सकारात्मक दिशा पूर्व, उत्तर या पश्चिम की दीवार है।

ड्राईंग रूम या लॉबी में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाह के लिए मछली घर या एक्वेरियम पूर्व या उत्तर में इस प्रकार रखें कि बाहर से आने वालों की नजर सीधे उस पर पड़े। बैडरूम में मछली घर नहीं रखना चाहिए अन्यथा मानसिक अस्थिरता या अनिद्रा की समस्या हो सकती है।

यदि घर में ही ऑफिस या व्यावसायिक कार्य करना है तो दक्षिण-पश्चिम दिशा सबसे श्रेष्ठ मानी गयी है। इस दिशा में स्वयं का मुख पूर्व या उत्तर की ओर रखना चाहिए जबकि क्लाइंट्स का मुख पश्चिम या दक्षिण की ओर रहना चाहिए।

डाइनिंग टेबल किचन के पास या उससे लगी दक्षिण-पूर्व दीवार के पास होना आवश्यक है। अन्य दिशा में होने से कब्ज, अतिसार और वातरोग होने की आशंका बनी रहती है। किचन में गैस या स्टोव और बर्तन धोने की सिंक पास-पास नहीं होने चाहिए।

ज्योतिष में छिपे हैं खुद को स्‍वस्‍थ रखने के उपाय
बस एक चुटकी हींग बदल देगी आपकी तकदीर

ये तीन चीजें करती हैं मां लक्ष्मी को आने को विवश
सास-बहू की टेंशन का कम करने के वास्तु टिप्स
 2017 और आपका भविष्य  

Home I About Us I Contact I Privacy Policy I Terms & Condition I Disclaimer I Site Map
Copyright © 2024 I Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved I Our Team