फाल्गुन मास में प़डेंगे ये व्रत त्योहार, धूमधाम से मनाई जाएगी शिवरात्रि व होली

माघी पूर्णिमा के साथ ही माघ मास की समाप्ति हो चुकी है और 6 फरवरी, 2023 दिन सोमवार से फाल्गुन महीना शुरू हो गया है। यह माह 7 मार्च तक चलेगा। 7 मार्च को होलिका दहन होगा, उसके बाद 8 मार्च से चैत्र का महीना शुरू हो जाएगा। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक नए साल का पहला महीना चैत्र और आखिरी फाल्गुन होता है। इसे फागुन मास भी कहा जाता है। इसके बाद हिंदू नव वर्ष शुरू हो जाता है। फाल्गुन तीज-त्योहारों वाला महीना होता है। साथ ही इसमें मौसमी बदलाव भी होते हैं। वसंत ऋतु की शुरुआत इसी हिंदी महीने में होती है ।

ज्योतिष परिषद एव शोध संस्थान अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार हिंदू धर्म में फाल्गुन मास का विशेष महत्व है। क्योंकि इस माह भगवान शिव के साथ विष्णुजी की पूजा करने का विधान है। इस मास में महाशिवरात्रि सोमवती अमावस्या से लेकर होलिका दहन का पर्व मनाया जा रहा है।

फाल्गुन व्रत-त्योहार की सूची
6 फरवरी 2023, सोमवार- फाल्गुन मास शुरू
9 फरवरी 2023, गुरुवार- द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
12 फरवरी 2023, रविवार- यशोदा जयंती
13 फरवरी 2023, सोमवार- कुंभ संक्रांति, शबरी जयंती, कालाष्टमी
14 फरवरी 2023, मंगलवार-जानकी जयंती
17 फरवरी 2023 शुक्रवार- विजया एकादशी
18 फरवरी 2023 शनिवार- महाशिवरात्रि, शनि त्रयोदशी, प्रदोष व्रत
20 फरवरी 2023 सोमवार- सोमवती अमावस्या, फाल्गुन अमावस्या
21 फरवरी, मंगलवार- फुलैरा दूज
23 फरवरी 2023, गुरुवार- विनायक चतुर्थी
25 फरवरी, शनिवार- स्कंद षष्ठी
27 फरवरी 2023 सोमवार- होलाष्टक, रोहिणी व्रत, मासिक दुर्गाष्टमी
3 मार्च 2023, शुक्रवार- आमलकी एकादशी, नरसिंह द्वादशी
4 मार्च 2023, शनिवार- शनि त्रयोदशी, प्रदोष व्रत
6 मार्च 2023, सोमवार- फाल्गुन चौमासी चतुर्दशी
7 मार्च 2023, मंगलवार- होलिका दहन

हिन्दू पंचांग के अनुसार 12वाँ माह फाल्गुन माह होता है। इसलिए हिंदू धर्म में फाल्गुन मास का विशेष महत्व है। इस माह को माघ मास की तरह की शुभ माना जाता है। इसलिए इस माह में स्नान और दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। फाल्गुन मास में भगवान शंकर के अलावा माता सीता, श्रीकृष्ण, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। फाल्गुन मास का आरंभ 6 फरवरी 2023, सोमवार से हो रही है और समाप्ति 7 मार्च 2023, मंगलवार को हो रही है। फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि, फूलैरा दूज, आमलकी एकादशी, विजया एकादशी से लेकर होली पर्व मनाया जा रहा है।

फाल्गुन महीने के शुरुआती 13 दिन बाद शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। ये पर्व चौदहवीं तिथि यानी कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर मनाया जाता है। पुराणों के मुताबिक इस तिथि पर ही भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे। ये पर्व इस बार 18 फरवरी को है। फाल्गुन महीने के खत्म होने पर यानी आखिरी दिन होलिका दहन होता है जो कि 7 मार्च को है। इसके बाद रंगों का त्योहार मनाते हैं, जो 8 मार्च को मनेगा।

इस महीने की दोनों चतुर्थी (9 व 23 फरवरी) पर भगवान गणेश की पूजा और व्रत किया जाएगा। दोनों एकादशी—16 फरवरी और 3 मार्च—पर भगवान विष्णु के लिए व्रत उपवास रखा जाएगा।
शास्त्रोक्त मान्यता है कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा को महर्षि अत्रि और देवी अनुसूया से चंद्रमा की उत्पत्ति हुई थी। इस कारण इस दिन चंद्रमा की विशेष आराधना कर चंद्रमा से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की जाती है।

इस हिंदी महीने में भगवान विष्णु की आराधना करने से उनकी कृपा मिलती है। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की आराधना विभिन्न तरह के सुगंधित फूलों से करने का विधान बताया गया है। फाल्गुन में श्री कृष्ण की पूजा करने से समृद्धि और सुख बढ़ता है। इस महीने में शंख में सुगंधित जल और दूध भरकर भगवान का अभिषेक करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इस महीने भगवान श्री कृष्ण को माखन-मिश्री का नैवेद्य लगाने से आरोग्य और समृद्धि मिलती है।

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