शिव अवतार आदि शंकराचार्य

* आदि शंकराचार्य की 1237वीं जन्म वर्षगांठ.... * शंकराचार्य जयन्ती - शुक्रवार, 2 मई 2025 * पंचमी तिथि प्रारम्भ - 1 मई 2025 को 11:23 बजे * पंचमी तिथि समाप्त - 2 मई 2025 को 09:14 बजे मुंबई.आदि गुरु शंकराचार्य का जन्म केरल के कालड़ी गांव में हुआ था. वे ब्राह्मण माता-पिता की एकमात्र संतान थे, लेकिन बचपन मे ही उनके पिता का देहांत हो गया. उनकी रुचि शुरू से ही संन्यास की ओर थी जिसके कारण कम उम्र मे ही माता से आग्रहपूर्वक सन्यास की अनुमति ली और गुरु की तलाश मे घर छोड़ दिया. वेदान्त गुरु गोविन्द पाद से ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात संपूर्ण देश का भ्रमण किया. उन्होंने देश में व्याप्त धार्मिक कुरीतियों को दूर किया और अद्वैत वेदांत की ज्योति प्रज्वलित कर सनातन धर्म की रक्षा हेतु चारों दिशाओं में चार मठों की स्थापना की. वहां शंकराचार्य के पद प्रतिष्ठित करके उस पर अपने चार प्रमुख शिष्यों को पदासीन किया. उत्तर मे ज्योतिर्मठ, दक्षिण में श्रृंगेरी, पूर्व में गोवर्धन और पश्चिम में शारदा मठ की स्थापना की. केवल 32 वर्ष की अल्पायु में पवित्र केदारनाथ धाम में देह त्याग दी. शिव के अवतार शंकराचार्य ससम्मान आदि गुरु कहलाते हैं.

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