गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान रखना चाहिए इन बातों का ध्यान

आज शरद पूर्णिमा है और आज ही दिन वर्ष 2023 का आखिरी चन्द्रग्रहण है। इस ग्रहण का पूरे भारत में एक समान प्रभाव पड़ेगा। चन्द्रग्रहण मध्यगत रात्रि को सम्पूर्ण भारत में खण्डग्रास के रूप में दिखाई देगा। यह चन्द्रग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन दिखाई देगा इस ग्रहण का स्पर्श (प्रारम्भ) मध्य रात्रि 1 बजकर 5 मिनट पर होगा। ग्रहण का मध्य 1 बजकर 44 मिनट पर एवं ग्रहण का मोक्ष (समाप्त) रात्रि 2 बजकर 24 मिनट पर होगा। भारत के सभी भारत के सभी नगरों में इस ग्रहण का प्रारम्भ, मध्य तथा मोक्ष रूप देखा जा सकेगा। इस ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर 2023 को सांय 4 बजकर 5 मिनट से प्रारम्भ हो जाएगा । चन्द्रग्रहण में सूतक काल ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले लग जाता है। ग्रहण शुरू होने से पहले सूतक काल मान्य होगा, क्योंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा। आमतौर पर ग्रहण के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दिन कुछ विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। आज हम अपने पाठकों को यही बताने जा रहे है कि गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दिन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

आइए
जानते हैं ...
ग्रहणकाल में प्रकृति में कई तरह की अशुद्ध और हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। इसलिए कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल के दौरान नहीं करना चाहिए।

—चंद्र ग्रहण को देखना नहीं चाहिए।
—सूतक लगने के साथ ही घर पर ही रहें।
—ग्रहणकाल में कैंची, सूई, चाकू या धारदार चीजों का इस्तेमाल न करें।
—ग्रहणकाल में स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें।
—ग्रहण को खुली आंखों से न देखें।
— ग्रहण के समय सोना भी नहीं चाहिए।
—ग्रहण के दौरान नाखून कांटना, बालों में कंघी करना और दांतों की सफाई करना अशुभ माना जाता है।

ग्रहण के दौरान करें ये काम
—ग्रहणकाल के दौरान गुरु प्रदत्त मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।
—हनुमान चालीसा का पाठ करें।
—गर्भवती महिलाओं को भोजन का सेवन करने या जल ग्रहण करने की मनाही नहीं होती है। लेकिन खाने- पीने के समान में तुलसी जी के पत्ते जरूर डाल लें।

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