पौष अमावस्या: इन कामों को करने से मिलेगा माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद

साल की पहली अमावस्या 11 जनवरी के दिन पड़ रही है। ज्योतिष विद्या में अमावस्या की तिथि काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। वहीं, जनवरी की अमावस्या को पौष अमावस्या के नाम से जाना जाता है। गुरुवार के दिन पड़ने के कारण पौष अमावस्या का महत्व काफी बढ़ जाता है। पौष अमावस्या की तिथि पर कुछ उपाय करने से आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सकता है।

अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है। अमावस्या के दिन पितरों की नाम से पिंडदान किया जाता है। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और घर में उनके आशीर्वाद से हमेशा खुशहाली बनी रहती है। माना जाता है कि अगर आपके पितृ प्रसन्न हैं तो सभी प्रकार का दोष, कष्ट समाप्त हो जाता है।

वहीं अमावस्या के दिन अगर आप तांबे के लोटे में भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट भी समाप्त हो जाते हैं। नए साल 2024 की पहली अमावस्या तिथि 11 जनवरी को है। इस दिन अगर आप कुछ सरल उपाय कर लेते हैं तो जिंदगी में सभी तरह की परेशानियां समाप्त हो सकती हैं। धन-धान्य की वृद्धि भी होगी।
इसलिए अगर आप भी दरिद्रता के शिकार हैं तो मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए पौष अमावस्या इन कामों को जरूर करें...

पौष
अमावस्या उपाय
अमावस्या के दिन घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं। ध्यान रखें की ये दीपक सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक जलता रहे। अमावस्या के दिन घी के दीपक में केसर और लौंग के 2 दाने डालकर जलाने से माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और आर्थिक तंगी दूर करने में मदद मिलती है। अमावस्या के दिन घर की सुख शांति को बनाए रखने के लिए गाय की सेवा करें। माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए सुबह पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें। इस दिन पशुओं को भूलकर भी परेशान नहीं करना चाहिए। वहीं, शाम के वक्त तिल के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं और परिक्रमा भी करें। अपनी आर्थिक स्थितियों को मजबूत बनाने के लिए इस दिन 108 बार तुलसी की माला से गायत्री मंत्र का जाप करें। साथ ही अपने घर की नकारात्मकता को दूर भागने के लिए पानी में नमक मिलाकर पोछा लगाएं या साफ-सफाई करें।

करें ये काम
पितरों को खुश करने और पितृ दोष से राहत पाने के लिए अमावस्या का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए इस दिन दान-पुण्य और श्राद्ध कर्म करने से पितरों को खुश किया जा सकता है। इसलिए किसी गरीब को वस्त्र, फल आदि दान करें। वहीं, सूर्यास्त होने के बाद दक्षिण दिशा में सरसों के तेल में काला तिल डालकर दीपक जलाएं। इस दिन पितृ स्तोत्र और पितृ कवच का पाठ करने से पितरों का आशीर्वाद मिल सकता है।

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