पापांकुशा एकादशी का व्रत करके मनुष्य समस्त पापों से हो जाते हैं मुक्त
            Astrology Articles   I   Posted on 15-10-2021  ,11:23:19   I  by: 
            
            
            आज पापांकुशा एकादशी मनाई जा रही है। यह एकादशी पापों से मुक्ति देकर  स्वर्ग प्राप्ति में सहायता करती है। प्रतिवर्ष शारदीय नवरात्रि की समाप्ति  के बाद और विजयादशमी पर्व के अगले दिन आश्विन शुक्ल एकादशी को पापांकुशा  एकादशी मनाई जाती है। इस दिन श्रीहरि विष्णु का पूजन किया जाता है। धार्मिक  शास्त्रों के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा  एकादशी कहते हैं।
बाल्यावस्था, युवावस्था और वृद्धावस्था में इस व्रत को  करने से पापी मनुष्य भी दुर्गति को प्राप्त न होकर सद्गति को प्राप्त होता  है। आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की इस पापांकुशा एकादशी का व्रत जो मनुष्य  करते हैं, वे अंत समय में हरिलोक को प्राप्त होते हैं तथा समस्त पापों से  मुक्त हो जाते हैं। सोना, तिल, भूमि, गौ, अन्न, जल, छतरी तथा जूती दान करने  से मनुष्य यमराज को नहीं देखता।
जो मनुष्य किसी प्रकार के पुण्य कर्म  किए बिना जीवन के दिन व्यतीत करता है, वह लोहार की भट्टी की तरह सांस लेता  हुआ निर्जीव के समान ही है। निर्धन मनुष्यों को भी अपनी शक्ति के अनुसार  दान करना चाहिए तथा धन वालों को सरोवर, बाग, मकान आदि बनवा कर दान करना  चाहिए। ऐसे मनुष्यों को यम का द्वार नहीं देखना पड़ता तथा संसार में  दीर्घायु 
होकर धनाढ्य, कुलीन और रोगरहित रहते हैं। इस व्रत को करने वाला  दिव्य फल प्राप्त करता है।
अश्विनी माह की इस एकादशी के दिन भगवान  विष्णु की पूजा की जाती है। इस एकादशी का व्रत रखने से और मनोवांछित फल की  प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा की जाती है। इस  एकादशी के दिन दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पद्म पुराण के  अनुसार जो व्यक्ति सुवर्ण, तिल, भूमि, गौ, अन्न, जल, जूते और छाते का दान  करता है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। 
मान्यता के अनुसार, संसार में  इस एकादशी के बराबर कोई पुण्य नहीं। जो भक्त कठिन तपस्याओं के द्वारा फल  प्राप्त करते हैं, वही फल इस एकादशी के दिन शेषनाग पर शयन करने वाले भगवान  विष्णु को नमस्कार करने मात्र से ही मिल जाते हैं और सभी पापों से मुक्ति  देता है।
पंचांग के अनुसार पापाकुंशा एकादशी तिथि का प्रारंभ 15 अक्टूबर  2021, शुक्रवार को शाम 06.05 मिनट से होगा और एकादशी तिथि का समापन  शनिवार, 16 अक्टूबर 2021 को शाम 05.37 मिनट पर होगा।
पारण टाइम- पापाकुंशा एकादशी व्रत का पारण रविवार, 17 अक्टूबर 2021 को सुबह 06.28 मिनट से 08.45 मिनट तक रहेगा।