सावन के तीसरे सोमवार पर देशभर के शिवालयों में उम़डा आस्था का सैलाब, महाकाल से छोटी काशी तक गूंजा हर हर महादेव

श्रावण मास का धार्मिक महत्व हिंदू संस्कृति में अत्यधिक है और इसकी Mondays यानी सोमवारों को विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। आज, सावन का तीसरा सोमवार होने के कारण देशभर में शिवालयों में श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ पड़ी। उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक हर शिव मंदिर हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा। काशी में विशेष आरती, भक्तों पर पुष्पवर्षा वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतारें लगनी शुरू हो गई थीं। तीसरे सोमवार की शुभ बेला में भगवान विश्वनाथ के दरबार में विशेष मंगल आरती का आयोजन किया गया। स्थानीय प्रशासन ने व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा कर आस्था का स्वागत किया। हजारों की संख्या में भक्तों ने जलाभिषेक किया और भगवान शिव से मंगल की कामना की। उज्जैन में महाकाल के दर्शन को उमड़ा जनसैलाब मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। मंदिर प्रांगण में लंबी कतारें सुबह से ही दिखाई दीं। मंदिर प्रशासन की ओर से विशेष पूजन और भस्म आरती का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से आए भक्तों ने भाग लिया। बाबा बैद्यनाथ धाम में शिवभक्तों की भारी भीड़ झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में भी आज शिवभक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालु देर रात से ही मंदिर परिसर में जुटने लगे थे और तड़के जलाभिषेक की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। मंदिर परिसर में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। दिल्ली से अयोध्या तक पूजा-अर्चना का सिलसिला राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से ही देखने को मिली। मंदिर में पूजा-पाठ, जलाभिषेक और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। वहीं, भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या के क्षीरेश्वरनाथ और नागेश्वरनाथ मंदिरों में भी भक्तों ने पूरे विधि-विधान से भगवान शिव का पूजन किया। हरिद्वार, अहमदाबाद, राजस्थान में भी दिखा शिवभक्ति का प्रभाव हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में गंगाजल लेकर पहुंचे भक्तों ने भगवान शिव को जल अर्पित किया और आरती में भाग लिया। अहमदाबाद के कोटेश्वर महादेव मंदिर और राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति रही। विभिन्न शिवालयों में भजन-संध्या, हवन, रुद्राभिषेक जैसे आयोजन देखने को मिले। कांवड़ियों की आवाजाही बनी रही प्रमुख आकर्षण सावन के तीसरे सोमवार पर कांवड़ यात्रा भी चरम पर रही। गंगा के विभिन्न तटों से जल लेकर लौटते कांवड़िये देश के कोने-कोने के शिवालयों की ओर बढ़ते नजर आए। पुलिस प्रशासन ने प्रमुख मार्गों पर विशेष प्रबंध किए ताकि यातायात और श्रद्धालुओं की सुरक्षा दोनों सुनिश्चित हो सके। भक्ति और अनुशासन का अद्भुत संगम इस वर्ष सावन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि कई शुभ संयोग बन रहे हैं। भक्तों ने श्रद्धा के साथ उपवास, रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, महामृत्युंजय जाप और शिव चालीसा का पाठ किया। मंदिरों में धर्माचार्यों ने बताया कि सावन सोमवार का व्रत रखने से संतान सुख, दांपत्य सुख और आरोग्य की प्राप्ति होती है। सावन के तीसरे सोमवार पर देशभर में शिवभक्तों की आस्था ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि धर्म और भक्ति भारतीय संस्कृति के मूल में बसे हैं। मंदिरों में जहां एक ओर अनुशासन और प्रबंध ने श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित की, वहीं दूसरी ओर शिव की भक्ति में डूबे जनमानस ने माहौल को अध्यात्ममय बना दिया।

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