जयपुर में नवरात्रि 2025- कृत्रिम बर्फबारी और त्रिकूट पर्वत की गुफाओं के बीच सजा भव्य मां वैष्णो देवी दरबार

जयपुर के सूरज मैदान में नवरात्रि 2025 के अवसर पर मां वैष्णो देवी का भव्य दरबार सजाया गया है, जहां श्रद्धालुओं ने अद्भुत आस्था और उत्साह का अनुभव किया। इस बार वैष्णो देवी की यात्रा को यथासंभव वास्तविक रूप में प्रस्तुत करने के लिए 20 फीट ऊंचा कृत्रिम त्रिकूट पर्वत बनाया गया है, जिसकी गुफाओं से निकलती ठंडी बर्फबारी और पानी के झरने ने श्रद्धालुओं को जैसे सचमुच माता के धाम की सैर कराई। पहले दिन से ही सूरज मैदान श्रद्धालुओं से भरा रहा, जिनमें बच्चे, बुजुर्ग और दिव्यांग सभी माता के भव्य दरबार को देखने के लिए पहुंचे। कृत्रिम बर्फबारी और पर्वतीय गुफाओं से होकर गुज़रते हुए श्रद्धालुओं ने बाणगंगा, चरण पादुका, अर्धकुंवारी गुफा, हाथी मत्था और सांझी छत जैसे प्रमुख स्थानों पर माता वैष्णो देवी के दर्शन किए। यह अनुभव श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत रोमांचक और आध्यात्मिक था, जिससे उनकी आस्था और बढ़ गई। इस दौरान कन्या पूजन और स्वचालित झांकियों ने आयोजन की भव्यता को और भी बढ़ा दिया। रात की महाआरती में हजारों दीपों की रौशनी से पूरा मैदान जगमगा उठा। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए चार सौ से अधिक स्वयंसेवक लगातार काम करते रहे, साथ ही सुरक्षा और मेडिकल टीम भी पूरी तरह तैनात रही। आयोजन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि पहले दिन ही हजारों श्रद्धालु पहुंचे और अगले दो दिनों में डेढ़ से दो लाख के करीब भक्तों के आने की संभावना है। मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जयपुर में यह आयोजन उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है जो शारीरिक या आर्थिक कारणों से कटरा तक नहीं जा पाते। कृत्रिम बर्फबारी, पर्वतीय मार्ग और गुफाओं के बीच यात्रा का यह अनुभव श्रद्धालुओं को असली त्रिकूट पर्वत की सैर जैसा अहसास देता है। भक्तों ने भव्य झांकियों में मां के विभिन्न स्वरूपों का दर्शन किया और पूरे आयोजन का आनंद लिया। कार्यक्रम संयोजक ने बताया कि प्रशासनिक परमिशन की वजह से 40 फीट के बजाय 20 फीट ऊंचा पर्वत बनाया गया, लेकिन फिर भी यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए यादगार और भक्ति से परिपूर्ण रहा। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी नवरात्रि के इस महत्त्व को समझाते हुए सभी को संयम और श्रद्धा के साथ इस पावन पर्व को मनाने की सलाह दी। जयपुर के सूरज मैदान में मां वैष्णो देवी का यह दरबार न केवल भक्ति का केंद्र बना है, बल्कि लोगों को आध्यात्मिक शांति और उत्साह से भर देने वाला आयोजन भी साबित हो रहा है।

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