देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए मंशाव्रत का है विशेष महत्व

मुंबई। भोलेनाथ के भक्तों में मंशाव्रत बेहद लोकप्रिय है, अमांत श्रावण माह की चतुर्थी से इस व्रत का संकल्प लिया जाता है तथा दीपावली के बाद आनेवाल चतुर्थी को इसका उद्यापन होता है, इस दौरान जितने भी सोमवार आते हैं, भक्तगण व्रत रखते हैं। इस वर्ष अमांत श्रावण मास 25 जुलाई 2025 से शुरू होगा, तो मंशाव्रत का संकल्प 28 जुलाई 2025 को लेंगे, जबकि उद्यापन 25 अक्टूबर 2025 को होगा। इस व्रत का संकल्प श्रावण चतुर्थी को लेकर, दीपावली के बाद आनेवाली उद्यापन चतुर्थी तक प्रति सोमवार को व्रत किया जाता है, कुछ श्रद्धालु आजीवन व्रत करते हैं। मंशाव्रत में चांदी का नाग, श्रीफल, लाल-सफेद वस्त्र, यज्ञोपवीत, देवी पार्वती के श्रृंगार आदि पूजा का सामान है। प्रात:काल पवित्र स्नान के बाद सर्व प्रथम भोलेनाथ की पूजा अर्चना होती है और जलाभिषेक होता है, उसके बाद ही जल ग्रहण करते हैं। इस अवसर पर श्रीगणेश की पूजा होती है तथा माता पार्वती की पूजा के बाद श्रृंगार का सामान देवी को अर्पित करते हैं। शिवभक्त एक श्रीफल- नारियल भोलेनाथ को अर्पित करते हैं, तो एक नारियल का प्रसाद वितरित करते हैं। इस दिन कुछ भक्त एक वक्त का भोजन ग्रहण करते हैं, तो कुछ भक्त केवल दूध और लड्डू ही ग्रहण करते हैं। -प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर

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