8 मार्च को ही मनाई जाएगी महाशिवरात्रि, तिथि को लेकर न करें कोई संशय

सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत ही खास माना जाता है। महाशिवरात्रि इस बार 8 मार्च, शुक्रवार की है। महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के लिए मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान के 12 ज्योतिर्लिंगों का भी प्राकट्य हुआ था।

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। देशभर में इस दिन को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने का विधान है। शिवपुराण के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने मां पार्वती से विवाह किया था। इसके साथ ही वैराग्य का जीवन त्याग कर गृहस्थ का जीवन शुरू किया था। इसी के कारण इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से व्यक्ति के हर कष्ट दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि की सही तिथि, मुहूर्त और महत्व।


महाशिवरात्रि 2024 तिथि


फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ- 08 मार्च को रात 09 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी।


फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समापन- 9 मार्च को शाम 06 बजकर 17 मिनट तक


महाशिवरात्रि की सही तिथि- 8 मार्च 2024


महाशिवरात्रि 2024 पूजा मुहूर्त


महाशिवरात्रि की निशिता पूजा का मुहूर्त- देर रात 12 बजकर 07 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 56 मिनट तक

निशिता काल पूजा समय: 09 मार्च को सुबह 12 बजकर 12 मिनट से 01 बजकर 01 मिनट तक

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा का समय: शाम 06 बजकर 29 मिनट से रात 09 बजकर 33 मिनट तक

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय: 8 मार्च को सुबह 09 बजकर 33 मिनट से 9 मार्च सुबह 12 बजकर 37 मिनट तक

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय: 09 मार्च को सुबह 12 बजकर 37 मिनट से 3 बजकर 40 मिनट तक

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय: 09 मार्च को सुबह 03 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 44 मिनट तक


महाशिवरात्रि 2024 शुभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन सुबह से ही सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सुबह 6 बजकर 45 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसके अलावा सुबह 4 बजकर 45 मिनट से लेकर 9 मार्च को सुबह 12 बजकर 45 मिनट तक शिव योग रहेगा।

महाशिवरात्रि 2024 पारण का समय
महाशिवरात्रि पारण समय 09 मार्च को सुबह 06 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक

महाशिवरात्रि शुभ संयोग
इस बार महाशिवरात्रि के दिन 8 मार्च को ही शनि प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि भी पड़ रही है। प्रदोष व्रत के दिन भी भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार पड़ता है।

महाशिवरात्रि पूजन विधि
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं। उसके बाद 8 लोटे केसर जल चढ़ाएं। उस दिन पूरी रात का दीपक जलाएं। चंदन का तिलक लगाएं। बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं। सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें। ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्रों का जाप करें। इस दिन शिव पुराण का पाठ जरूर करें। महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण भी किया जाता है।

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को क्या चढ़ाएं
इस दिन शिव जी को तीन पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाएं। शंकर भगवान को भांग बहुत प्रिय है इसलिए इस दिन भांग को दूध में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। धतुरा और गन्ने का रस शिव जी को अर्पित करें। इससे जीवन में सुख बढ़ता है। जल में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे मन की अशांति दूर होती है।

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