जानिये माघ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, उपाय व महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघी पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस बार पूर्णिमा तिथि 23 फरवरी यानी कल दोपहर 3 बजकर 33 मिनट से शुरू हो चुकी है और समापन 24 फरवरी यानी आज शाम 5 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगा।

माघ पूर्णिमा पूजन विधि
माघी पूर्णिमा के दिन प्रातः काल स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु एवं गंगा मैया की विधि पूर्वक कंकू, अबीर, गुलाल, सिंदूर, हल्दी, पंचामृत आदि से अभिषेक कर पूजा अर्चना करनी चाहिए। साथ ही ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जाप करना चाहिए। इसके पश्चात पितरों का श्राद्ध करना चाहिए जिससे श्राद्ध का फल प्राप्त होता है। गरीबों को भोजन, वस्त्र, दान देने का भी विशेष फल मिलता है। इस दिन तिल, कंबल, कपास, गुड, घी, मोदक, जूते, फल, अन्न और यथाशक्ति स्वर्ण का दान किया जाए तो वह भी विशेष फल देने वाला होता है।

माघ पूर्णिमा महत्व
मघा नक्षत्र के नाम से माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति होती है। मान्यता है कि माघ माह में देवता पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके प्रयागराज में स्नान, दान और जप करते हैं। इसलिए कहा जाता है कि इस दिन प्रयागराज में गंगा स्नान करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

माघ पूर्णिमा उपाय ...

नदियों में स्नान
माघ पूर्णिमा के दिन गंगा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन गंगा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है, साथ ही मन और आत्मा भी शुद्ध होती है।

मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा


इस दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी और आपके परिवार पर ईश्वर का आशीर्वाद बना रहेगा।
पीपल की पूजा


माघ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का निवास माना जाता है। माघ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ पर दूध मिश्रित जल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं।

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