जून 2025 व्रत-त्योहार-गंगा दशहरा से लेकर गुप्त नवरात्रि तक, आस्था के रंग में रंगा रहेगा महीना
Vastu Articles I Posted on 31-05-2025 ,05:29:28 I by:

जून 2025 का महीना धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक साधना से परिपूर्ण रहने वाला है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस महीने एक के बाद एक कई शुभ व्रत और त्योहार पड़ने वाले हैं, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनसे समाज और परिवार में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। चाहे गंगा दशहरा का पुण्य स्नान हो या गुप्त नवरात्रि की तांत्रिक साधनाएं, यह महीना साधकों और श्रद्धालुओं के लिए विशेष फलदायक रहेगा।
आइए विस्तार से जानें जून 2025 में आने वाले प्रमुख व्रत और त्योहारों के बारे में।
जून 2025 के प्रमुख व्रत और त्योहार
गंगा दशहरा � 5 जून 2025
ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भागीरथ की तपस्या से गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। इस दिन गंगा स्नान, दान और पुण्य करने से दस प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।
निर्जला एकादशी � 6 जून 2025
साल की सभी 24 एकादशियों में से यह सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। इस दिन बिना अन्न और जल ग्रहण किए व्रत रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत से समस्त एकादशियों के समान पुण्य प्राप्त होता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा और वट सावित्री पूर्णिमा � 10-11 जून 2025
10 जून को वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा, जबकि उदयातिथि के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा 11 जून को होगी। महिलाएं इस दिन वट वृक्ष की पूजा कर अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।
योगिनी एकादशी � 21 जून 2025
यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। यह व्रत पापों के नाश और मोक्ष की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
आषाढ़ अमावस्या � 25 जून 2025
इस दिन पितरों की शांति और आत्मा की मुक्ति के लिए तर्पण, श्राद्ध व दान-पुण्य किया जाता है। यह दिन खासतौर पर पितृ पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
गुप्त नवरात्रि � 26 जून 2025 से प्रारंभ
गुप्त नवरात्रि मुख्यतः तांत्रिक साधना और माता की दस महाविद्याओं की आराधना का विशेष काल होता है। यह नौ दिवसीय साधना काल शक्तिसाधकों के लिए अत्यंत फलदायक होता है।
जगन्नाथ रथ यात्रा � 27 जून 2025 से प्रारंभ
पुरी (ओडिशा) की प्रसिद्ध रथ यात्रा 27 जून से शुरू होगी। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा रथ पर सवार होकर अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। यह यात्रा आस्था, उल्लास और भक्ति का अनूठा संगम होती है।