अगर आप चाहते हैं धन, विद्या और वैवाहिक सुख तो गुरूवार का व्रत जरूर करें

जयपुर। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि गुरुवार को है। इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि में और चंद्रमा दोपहर 2 बजकर 7 मिनट तक मकर राशि में रहेगा। इसके बाद कुम्भ राशि में गोचर करेगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर 1 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर दोपहर 2 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस तिथि को कोई विशेष पर्व नहीं है, लेकिन दिन के हिसाब से आप गुरुवार का व्रत रख सकते हैं। अग्नि पुराण, बृहस्पति स्मृति और महाभारत जैसे ग्रंथों में गुरुवार व्रत का उल्लेख मिलता है, जिसमें बताया गया है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने मात्र से ही धन, विद्या और वैवाहिक सुख-सौभाग्य में लाभ मिलता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री हरि की पूजा-अर्चना करने, गुरुवार के दिन व्रत करने व कथा सुनने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ग्रंथों में उल्लेख है कि अगर व्रत के दिन नियमों का पालन न किया जाए, तो भगवान श्री हरि विष्णु नाराज भी हो जाते हैं। अगर कोई भी जातक गुरुवार व्रत की शुरुआत करना चाहता है, तो वह किसी भी शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से कर सकता है और 16 गुरुवार व्रत रख कर उद्यापन कर दें। माना जाता है कि जो इस दिन व्रत रखते हैं, उन्हें पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। साथ ही, पीले फल-फूलों का दान करना चाहिए, लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रहे कि पीली चीजों का सेवन न करें। जो जातक व्रत नहीं रख सकते, वे विधि-विधान से पूजा कर या तो व्रत कथा सुनें या फिर पढ़ लें। वहीं, पूजा के दौरान भगवान विष्णु को हल्दी चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है और पुण्य फल की प्राप्ति होती है। गुरुवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न और धन का दान करने से भी पुण्य प्राप्त होता है। मान्यता है कि केले के पत्ते में भगवान विष्णु का वास होता है। इसी कारण गुरुवार के दिन केले के पत्ते की पूजा की जाती है।

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