गंगा सप्तमी : हर-हर गंगे,घर-घर गंगे

* गंगा सप्तमी - शनिवार, 3 मई 2025 * गंगा सप्तमी पूजा मुहूर्त - 11:11 से 13:48 * गंगा दशहरा - बृहस्पतिवार, 5 जून 2025 * सप्तमी तिथि प्रारम्भ - 3 मई 2025 को 07:51 बजे * सप्तमी तिथि समाप्त - 4 मई 2025 को 07:18 बजे मुंबई. हिन्दुस्तान की सबसे पवित्र नदी गंगा है. धर्मग्रंथों के अनुसार गंगा सप्तमी को माता गंगा, स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं, इसलिए यह गंगा जन्मोत्सव भी है क्योंकि इस दिन माता गंगा का पुनर्जन्म हुआ. माता गंगा पृथ्वी पर पहली बार गंगा दशहरा को अवतरित हुईं थीं लेकिन, जाहनू ऋषि ने गंगा का पूरा जल पी लिया. देवताओं और राजा भागीरथ के निवेदन पर उन्होंने गंगा सप्तमी के दिन गंगा के जल को मुक्त किया, तभी से माता गंगा के पुर्नअवतरण पर गंगा जन्मोत्सव मनाते हैं. ऋषि जाहनु के कान से प्रवाहित हो पुनर्जन्म लेने के कारण इस दिन माता गंगा के जाह्नवी स्वरूप की पूजा की जाती है. गंगा सप्तमी पर गंगा पूजन एवं पवित्र स्नान से यश-धन-सम्मान की प्राप्ति होती है. माता गंगा तीनों लोक में पाप मुक्ति प्रदान करती हैं... स्वर्ग में माता गंगा को मंदाकिनी तो पाताल में भागीरथी पुकारते हैं.

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