फुलेरा दूज का हर क्षण शुभ, फूलों-सा महकेगा नया काम
Vastu Articles I Posted on 01-03-2025 ,05:20:38 I by:

* फुलेरा दूज - शनिवार, 1 मार्च 2025
* द्वितीया तिथि प्रारम्भ - 1 मार्च 2025 को 03:16 बजे
* द्वितीया तिथि समाप्त - 2 मार्च 2025 को 00:09 बजे
फुलेरा दूज का हर क्षण शुभ और उत्तम माना जाता है और इसीलिए इस अवसर पर शुरू किया गया कार्य फूलों-सा महकता है.
फुलेरा दूज के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है, अपने इष्टदेव को गुलाल चढ़ाई जाती है और फूलों की रंगोली सजाई जाती है.
इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण को मिष्ठान का भोग लगाया जाता है.
श्रीकृष्ण की भक्ति में अनेक गीत-भजन हैं, जिनमें से मधुराष्टकम् अपने नाम की तरह ही बहुत मधुर है, धनदायक है, आनंददायक है.
इसमें भगवान मधुसूदन का अत्यंत मधुरता से वर्णन किया गया है, भगवान श्रीकृष्ण के सम्पूर्ण सौन्दर्य का वर्णन तन-मन को प्रसन्न कर देता है.
॥ मधुराष्टकम् ॥
अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम्।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥1॥
वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरम्।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥2॥
वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरःपाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥3॥
गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम्।
रूपं मधुरं तिलकं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥4॥
करणं मधुरं तरणं मधुरं हरणं मधुरं रमणं मधुरम्।
वमितं मधुरं शमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥5॥
गुञ्जा मधुरा माला मधुरायमुना मधुरा वीची मधुरा।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥6॥
गोपी मधुरा लीला मधुरायुक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम्।
दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥7॥
गोपा मधुरा गावो मधुरायष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥8॥
॥ इति श्रीमद्वल्लभाचार्यकृतं मधुराष्टकं सम्पूर्णम् ॥
-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर