ग्रह-नक्षत्रों की शांति के लिए करें इस स्तोत्र के पाठ

आपको जीवन में अचानक बाधाएं, कष्ट, रोग, शत्रु बाधा, असफलता, पारिवारिक तनाव जैसी समस्याएं आने लगती हैं तो मनुष्य अपनी जन्म कुंडली में छिपे रहस्यों के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों की शांति के उपाय करता है। ऐसा करने से सकारात्मक परिणाम भी मिलने लगते हैं।
सूर्य ग्रह के दोष की वजह से ह्रदय रोग होने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है। इससे बचने के लिए स्वर्ण धातु की अंगूठी पहनने की सलाह दी जाती है।
आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ श्रद्धापूर्वक नियमित रूप से करते रहने से भी हृदय रोग में आशातीत लाभ मिलता है।
आदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ से मिर्गी, ब्लडप्रेशर मानसिक रोगों में सुधार होने लगता है। आदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ से नौकरी में पदोन्नति, धन प्राप्ति, प्रसन्नता, आत्मविश्वास में वृद्धि होने के साथ-साथ समस्त कार्यों में सफलता व सिद्धि मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ आरम्भ करने के लिए शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार का दिन शुभ माना गया है। इसके बाद आने वाले प्रत्येक रविवार को यह पाठ करते रहना चाहिए। इस दिन सूर्य देवता की धूप, दीप, लाल चंदन, लाल कनेर के पुष्प, घृत आदि से पूजन करके उपवास रखना चाहिए। सांयकाल आटे से बने मीठे हलवे का प्रसाद लगाकर उसे ग्रहण करना चाहिए।
सूर्य देव के प्रति पूर्ण श्रद्धाभाव और विश्वास के साथ नियम पूर्वक उनकी उपासना व आराधना करते रहने से लाभदायक फल मिलने लगते हैं। सच्ची श्रद्धा से किया गया कोई भी जप-तप कभी भी व्यर्थ नहीं जाता है।

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