अपने प्‍यार को पाने के लिए जगाएं मोहनी सिद्धि

हर व्यक्ति की ख्वाहिश होती है कि उसका प्रेमी या उसका चहेता हमेशा उसके पास रहे। कभी उससे दूर ना हो लेकिन कई बार ना चाहते हुए भी छोटी-मोटी बातों से प्रेम में कटुता आ जाती है। ऐसे में अपनों को अपने पास लपेटे रखने के लिए मोहनी सिद्धी अपनानी चाहिए- 

देवी
योगमाया का यह रूप प्रेमी युगल में अटूट प्रेम प्रदान करता है और उन्हें प्रेम-विवाह में सफलता की कामना पूरी होती है। असफल प्रेमियों के लिए देवी मोहनी की साधना बहुत ही फलदायी है। प्रेम में सफलता के लिए वशीकरण मंत्र ‘‘ओम लक्ष्मी नारायणाय नमः!’’ का जाप शुक्ल पक्ष में गुरुवार को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर के सामने किया जाता है। यह जाप तीन महीने तक प्रत्येक गुरुवार को तीन स्फटिक की माला से किया जाना चाहिए। जाप के बाद मंदिर में फूल-प्रसाद चढ़ाया जाना चाहिए।  इसके अतिरिक्त प्रेमियों के बीच आकर्षण शक्ति बढ़ाने का भी एक मंत्र हैः– ओम क्लीं कृष्णाय गोपीजन बल्लभाय स्वाहाः।

एकादशी के दिन से शुरू किए जाने वाले इस पूजन के लिए विधिनुसार लाल रंग के परिधान में पूरब दिशा की ओर मुख किया जाता है। सामने एक छोटी से चैकी पर लाल कपड़े के ऊपर देवी मोहिनी की मूर्ति या फिर उनके स्थान पर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है। देवी को श्रृंगार सामग्री के साथ सात किस्म की मिठाई का भोग लगाया जाता है। मूर्ति के ठीक सामने तिल के तेल का दीपक जलाया जाता है ओर फिर देवी की फल, फूल, दीप, धूप, नैवेद्य, अक्षत से पूजा की जाती है। उसके बाद स्फटिक या मोती की माला से देवी के मंत्र का जाप किया जाता है। इस तरह से सात दिनों तक पूजन के दौरान नौ हजार बार मंत्र का जाप किया जाता है।

इसके अलावा कुछ खास उपाय भी करने चाहिए-

सहदेई
की जड़ को कमर में बांधकर प्रेम की चाहत रखने वाली लड़की के पास जाने से उसका सम्मोहन बढ़ जाता है और वह वश में आ जाती है। इस तरह से प्यार के पनपने की शुरूआत हो जाती है।

सफेद अपराजिता की जड़ को गोरोचन के साथ पीसे हुए पदार्थ को तिलके रूप में लगाकर प्यार के लिए पसंदीदा लड़की के पास जाने से उसके दिल में प्यार उमड़ पड़ता है और वह मन-मस्तिष्क से वशीभूत हो जाती है।

सफेद आक की जड़ को लाल धागे के साथ कमर में बांधकर प्रिय के पास जाने से उसके प्रेम में मधुरता आ जाती है।

प्यार करने वाले को चाहिए कि वे धतूरे के बीज को नारियल में कपूर के साथ मिलाकर पीस लें। इसका नियमित तिलक लगाएं। इसके प्रभाव से प्रेमिका के प्यार में जारा भी कमी नहीं आती है और उसके मन में कभी भी छोड़कर दूसरे के पास जाने के बारे में विचार तक नहीं आते हैं।

प्रेमियों को आपसी प्रेम बनाए रखने के लिए चाहिए कि वे शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन अवश्य मिलें। यह दिन प्रेम की प्रबलता बढ़ाने वाला होता है तथा इस दिन मिलने से प्रेमियों के बीच प्रेम में कमी नहीं आती है।

यदि चाहते हैं कि प्रेम-प्रसंग में किसी तरह की बाधा नहीं आए, और न ही विवाद उभरने पाए तो उन्हें अमावस्या या शनिवार के दिन मिलने से बचना चाहिए।

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