धन-दौलत को अपनी ओर खींचने के लिए करें इस शिवलिंग की पूजा

इस शिवलिंग के नित्य पूजन, अभिषेक और दर्शन मात्र से मनोकामना पूर्ण होती है। जिन व्यक्तियों के पास धन की कमी न हो, लेकिन स्वास्थ्य ठीक न रहता हो उन्हें अपने घर में पारद शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने से अच्छी आयु, आरोग्य की प्राप्ति होती है। जिनके पास धन का अभाव हो, अधिक धन और यश की कामना हो तो उन्हें स्फटिक शिवलिंग की पूजा- अर्चना करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है।

धार्मिक
ग्रंथों और पुराणों के अनुसार स्फटिक शिवलिंग की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। श्रद्धालु शिव भक्त इस शिवलिंग की अपने घर में पूजा, प्रतिष्ठा करके नित्य गंगाजल अथवा पंचामृत से अभिषेक करके चंदन, पुष्प, विल्वपत्र आदि से पूजन करने से भगवान शिव की विशेष अनुकंपा प्राप्त होती है। इनकी अनुकंपा से आयु, आरोग्यता, धन, संपत्ति, यश, मान, प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।

स्फटिक में दिव्य शक्तियां या ईश्वरीय पावर्स मौजूद होती हैं। इस कदर कि स्फटिक में बंद एनर्जी के जरिए आपकी तमन्नाओं को ईश्वर तक खुद-ब-खुद पहुंचाता जता है। फिर यह धारण करने वाले के मनमर्जी मुताबिक काम करता जता है और आपके दिमाग या मन में किसी किस्म के नकारात्मक विचार हरगिज नहीं पनप पाते। स्फटिक किस्म-किस्म के आकार और प्रकार में आता है।

स्फटिक के मणकों की माला फैशन और हीलिंग पावर्स दोनों लिहाज से लोकप्रिय है। यह इंद्रधनुष की छटा-सी खिल उठती है। इसे पहनने भर से शरीर में इलैक्ट्रोकैमिकल संतुलन उभरता है और तनाव-दबाव से मुक्त होकर शांति मिलने लगती है। स्फटिक की माला के मणकों से रोजना सुबह लक्ष्मी देवी का मंत्र जप करना आर्थिक तंगी का नाश करता है।

स्फटिक के शिवलिंग की पूज-अर्चना से धन-दौलत, खुशहाली, बीमारी से राहत और पॉजिटिव पावर्स प्राप्त होती हैं। रुद्राक्ष और मूंगा संग पिरोई स्फटिक का ब्रेसलेट हीलिंग यंत्र के तौर पर खूब पहना जाता है। इससे डर-भय छूमंतर होते देर नहीं लगती। सोच-समझ में तेजी और विकास होने लगता है। मन इधर-उधर भटकने की स्थिति में, सुख-शांति के लिए स्फटिक के पेंडेंट पहनने की सलाह दी जती है और बताते हैं कि स्फटिक के शंख से ईश्वर को जल तर्पण करने वाला या वाली जन्म-मृत्यु के फेर से मुक्त हो जता है। साथ-साथ खुशकिस्मती आपके घर-आंगन में वास करने लगती है।

स्फटिक
धातु से बने शिवलिंग बहुत ही दुर्लभ होते हैं। जम्मू के रघुनाथ मंदिर व गंगानगर (राजस्थान) के जगदंबा आश्रम में स्फटिक का विशाल शिवलिंग स्थापित है। काशी वाले स्वामी रामनरेश जी की प्रेरणा व सहयोग से सती मंदिर में शिवलिंग स्थापित किया गया। मंदिर का नाम ‘महामृत्युंजय महादेव मंदिर’ रखा गया। इसका अर्थ जन्म-मृत्यु से मुक्ति व मोक्ष की प्राप्ति है। मान्यता के अनुसार यहां पर जलाभिषेक का विशेष महत्व है।
ज्योतिष : इन कारणों से शुरू होता है बुरा समय
क्या आप परेशान हैं! तो आजमाएं ये टोटके
बुरे दिनों को अच्छे दिनों में बदलने के लिए करें केवल ये 4 उपाय

Home I About Us I Contact I Privacy Policy I Terms & Condition I Disclaimer I Site Map
Copyright © 2024 I Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved I Our Team