वास्तु के ये चमत्कारी उपाय रोक सकते हैं गृह क्लेशों को, बनी रहेगी शांति

सामाजिक व्यवस्था में घर-परिवार का अपना महत्व है, जहां सभी सदस्य मिल-जुलकर रहते हैं तथा एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए भरण-पोषण की जिम्मेदारी निभाते हैं। परिवार में बने रिश्तों की डोर बड़ी नाजुक होती है, एकता प्रेम और स्नेह भाव बनाए रखने के प्रयास के बावजूद कई बार छोटी-छोटी बातों को लेकर पति-पत्नी, सास-बहू, पिता-पुत्र, भाई-भाई के बीच टकराव और मतभेद हो ही जाता है, जो आपसी कलह का रूप लेने पर परिवार के वातावरण को तनावपूर्ण बना देता है। इस कारण परिवार के सदस्यों के मध्य आपस रिश्ते भी खराब हो जाते हैं। गृह कलह के यूं तो बहुत सारे कारण होते हैं, लेकिन ज्योतिष एवं वास्तु की दृष्टि से गृह कलह ग्रहों के दोषपूर्ण या अशुभ दशा होने अथवा भवन में एक या अनेक वास्तु दोष होने से भी गृह कलह उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है।

ज्योतिष में गृह कलह का निवारण
संभावित गृह कलह के निवारण के लिए वर-कन्या के विवाह से पहले अगर सही तरीके से कुंडली में गुणों का मिलान करवा लिया जाये तो अच्छा रहता है। फलित ज्योतिष के अनुसार मंगल, शनि और राहु ग्रहों के विभिन्न भावों में बैठे होने से उन भावों से सम्बंधित रिश्तों में मतभेद और कलह देखा जा सकता है। इसके निवारण के लिए उस दोषपूर्ण ग्रह से सम्बंधित वस्तुओं का दान करने, मंत्र जप, पूजा-पाठ, रत्न या रुद्राक्ष धारण करने से लाभ मिलता है। घर-परिवार में सुख-शांति और प्रेम भाव बनाए रखने के लिए भोजन बनाते समय सबसे पहली रोटी के बराबर चार टुकड़े करके एक गाय को, दूसरा काले कुत्ते को, तीसरा कौए को खिलाना चाहिए तथा चौथा टुकड़ा किसी चौराहे पर रख देना चाहिए।
घर के पूजा घर में अशोक के सात पत्ते रखें। उनके मुरझाने पर तत्काल नए पत्ते रखकर पुराने पत्ते पीपल के वृक्ष नीचे रखने से गृह कलह दूर होने लगता है। अगर परिवार में कलह के कारण मानसिक तनाव और परेशानी हो रही हो तो एक पतंग पर अपनी परेशानी लिखकर सात दिनों तक उसे उड़ाकर छोड़ देने से समस्या का समाधान होता है। पति और पत्नी के बीच झगड़ा होता हो तो घर में विधि-विधान से स्फटिक के शिवलिंग स्थापित करके इकतालीस दिनों तक उस पर गंगा जल और बेल पत्र चढ़ाएं तथा "ॐ नमः शिवशक्तिस्वरूपाय मम गृहे शांति कुरु कुरु स्वाहा" मंत्र का ग्यारह माला जप करने से झगड़ा शांत होने लगता है।
छोटी-छोटी बातों पर होने वाले विवादों को रोकने के लिए केवल सोमवार अथवा शनिवार के दिन गेहूं पिसवाते समय एक सौ ग्राम काले चने भी मिलवाएं। इस आटे की रोटी खाने से भी गृह कलह दूर होता है। यदि चंद्र ग्रह के अशुभ या दूषित होने से परिवार में अक्सर कलह रहती है तो इसके लिए रविवार रात में अपने सिरहाने स्टील या चांदी के एक गिलास में गाय का थोड़ा सा कच्चा दूध रखें और प्रातःकाल उसे बबूल के पेड़ पर चढ़ा दें। इन उपायों के साथ-साथ घर में गूगल की धूनी देने, गणेश एवं पार्वती की आराधना करने, चींटियों को शक्कर डालने, पूर्व दिशा की ओर सिरहाना करके सोने, हनुमान जी की उपासना करने, सेंधा नमक मिश्रित पानी से घर में पोछा लगाने आदि से भी गृह कलह दूर होकर शांति बनी रहती है।

वास्तु के अनुसार गृह कलह निवारण
वास्तु शास्त्र के अनुसार भी अगर भवन में कोई वास्तु दोष है तो गृह कलह संभव है। इसके लिए घर के प्रवेश द्वार के सामने यदि कोई पेड़, नुकीला कोना, मंदिर की छाया, हेंड पंप आदि हैं तो उन्हें या तो हटवा दें अथवा अपने द्वार को सरकवा दें। घर के अंदर युद्ध, डूबती नाव, जंगली जानवर, त्रिशूल, भाले आदि के चित्र अथवा प्रतिमा रखने से बचें।
बेडरूम में दर्पण ऐसी जगह लगाएं जहां से सोते समय अपना प्रतिबिंब न दिखाई दे। अगर घर की दीवारों का प्लास्टर उखड़ा हुआ है तो उसे तत्काल ठीक कराएं। भवन में किचन उत्तर-पश्चिम दिशा में न रखें अन्यथा गृह कलह होने की संभावना बनी रहेगी।
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