जानिए सुहगिनों के लिए कैसा रहेगा करवा चौथ व्रत

हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बड़ा महत्व रखता है। करवा चौथ एक पति-पत्नी के खास रिश्ते को दर्शाता है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस खास मौके के लिए महिलाएं काफी उत्साहित रहती हैं और कई दिनों पहले ही तैयारियों में जुट जाती हैं। इस व्रत में महिलाएं हाथों में मेहंदी रचाकर, चूड़ी पहन, सोलह श्रृंगार कर अपने पति की पूजा कर व्रत का पारायण करती हैं।


करवा चौथ के व्रत को अलग-अलग क्षेत्रों में वहां की प्रचलित मान्यताओं के अनुरूप रखा जाता है, लेकिन इन सभी का सार तो एक होता है पति की दीर्घायु। इस दिन करवा माता और गणेश जी की भी पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन अगर सुहागिन स्त्रियां व्रत रखें तो उनके पति की उम्र लंबी होती है और उनका गृहस्थ जीवन सुखमय होता है।
ज्योतिषों के मुताबिक, इस बार करवाचौथ पर खास संयोग बन रहा है। कार्तिक मास की चतुर्थी को मनाया जाने वाला करवाचौथ इस साल 17 अक्तूबर को मनाया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार खास योग बनने की वजह से करवा चौथ का त्योहार और भी शुभ हो गया है। यह योग बहुत ही मंगलकारी है।

रोहिणी नक्षत्र के साथ वृष उच्च राशि में चंद्रना का योग होने के कारण करवा चौथ को अधिक मंगलकारी बना रहा है। करवा चौथ पर रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा में रोहिणी का योग होने से मार्कण्डेय और सत्यभामा योग बन रहा है।

यह योग चंद्रमा की 27 पत्नियों में सबसे प्रिय पत्नी रोहिणी के साथ होने से बना रहा है। ऐसा योग भगवान श्रिकृष्ण और सत्यभामा के मिलन के समय भी बना था।

इस दिन व्रत करने से सुहागिनों को इसका फल मिलेगा। इस बार 70 साल बाद रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का योग बन रहा है। इस बार उपवास का समय 13 घंटे 56 मिनट का है। पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर महिलाएं शाम को चांद को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ती हैं। इस बार चांद 8:18 बजे निकलेगा।
 2017 और आपका भविष्य  
केवल 3 सिक्के चमका सकते हैं किस्मत
ज्योतिष : इन कारणों से शुरू होता है बुरा समय

Home I About Us I Contact I Privacy Policy I Terms & Condition I Disclaimer I Site Map
Copyright © 2024 I Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved I Our Team