इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल चढाने से नहीं रहेगी धन की कमी

हर किसी को धन कमाने की लालसा रहती है कहा जाता है कि पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है। ज़रा सोचिए आपके पास बिलकुल भी पैसे न बचें, आपका बैंक अकाउंट खाली हो जाए और आपको खाने के भी लाले पड़ जाएं तो ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे। ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्र में ऐसे अनेक उपाय दिए गए हैं, जिन्हें श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से धन की कमी दूर हो सकती है।

शुक्ल पक्ष के सोमवार से आरम्भ करके शिवलिंग पर प्रतिदिन गंगाजल का अभिषेक करके साबुत चावल चढ़ाकर धन प्राप्ति की कामना करने से आर्थिक समृद्धि आने लगती है।

वास्तु के नियमानुसार आय से अधिक खर्च को कम करने के लिए भवन की उत्तर दिशा को हमेशा साफ़-सुथरा और दक्षिण दिशा से नीचा रखना चाहिए तथा उत्तर दिशा में विधिपूर्वक श्री यंत्र स्थापित करके प्रतिदिन उसकी पूजा करने से अनावश्यक खर्चे कम होने लगते हैं।

बिना किसी वजह से अगर धन न रुकता हो तो शुक्ल पक्ष के गुरूवार को घर की बहिन, बेटी या बहू से घर के मुख्य द्वार को दाहिने एवं बायीं तरफ गंगाजल से पवित्र कराएं तथा दाहिने हाथ की अनामिका से हल्दी और दही के घोल से एक स्वास्तिक बनवाकर उसपर थोड़ा सा गुड़ लगाकर उस पर शहद की एक बूंद टपकाएं। नियमित रूप से हर गुरूवार को इस उपाय को करते रहने से धन की कमी दूर होगी।

शुक्ल पक्ष के सोमवार अथवा शनिवार को गेहूं पिसवाते समय उसमें ग्यारह तुलसी की पत्तियां तथा दो केसर के धागे मिलाकर उससे बने आटे की रोटी का सेवन करते रहने से धन का अभाव दूर होने लगता है। ध्यान रखने वाली बात यह है कि इस आटे को कभी भी बर्बाद नहीं करना चाहिए और न ही पैरों से लगने देना चाहिए।

धन की हानि का सामना करना पड़ रहा हो तो घर के मुख्य द्वार पर थोड़ा सा लाल गुलाल छिड़क कर वहां गाय के शुद्ध घी का दो मुखी दीपक जलांना चाहिए। दीपक के स्वतः ही बुझ जाने पर उसे गुलाल सहित बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।

व्यापार में लगातार घाटा हो रहा हो तो शुक्ल पक्ष के गुरूवार के दिन ग्यारह धन दायक कौड़ी लेकर उन्हें शुद्ध हल्दी से रंगकर नए पीले रंग के वस्त्र में बांधकर धन रखने वाली तिजोरी या आलमारी में रख दें। वास्तु नियमों के अनुसार धन रखने वाली तिजोरी या आलमारी का मुख सदैव उत्तर दिशा की ओर खुलना चाहिए।

निर्धनता निवारण के लिए शुक्ल पक्ष के गुरूवार से आरंभ करके शिवलिंग पर जल का अभिषेक करके पीपल के वृक्ष पर जल देकर पूजा करके दीपक जलाएं अथवा शुक्ल पक्ष के सोमवार से आरंभ करके चांदी से बने शिवलिंग का प्रतिदिन श्रद्धाभाव से पूजन करना चाहिए।

बारह वर्ष तक की आयु के बच्चों को प्रातः खट्टी-मीठी टॉफी बांटने, धब्बेदार कुत्ते को भोजन देने, रात्रि में सोने से पूर्व किचन में जूठे बर्तन साफ़ करके रखने, अशोक वृक्ष की जड़ के एक टुकड़े को पूजा स्थल में रखकर प्रतिदिन पूजा करने, बुधवार के दिन किसी को उधार न देने और व्यापारिक पत्राचार में हल्दी एवं केसर का प्रयोग करने जैसे उपाय अपनाने से भी जीवन में धन की कमी दूर होने लगती है और आर्थिक समृद्धि आती है ।
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