आखिरी नवरात्र पर इन उपायो से दूर हो जाएंगे सभी दुख

आखिरी नवरात्र दिन के नवरात्र में अलग-अलग देवियों की पूजा करते हैं। नवरात्र में आध्यात्मिक शक्तियों को प्राप्त करने के लिए पूजा-पाठ की जाती है। शास्त्रों के अनुसार यदि आखिरी नवरात्र पर कुछ खास टोटके किए जाएं तो जीवन में सभी प्रकार की आई समस्याएं दूर होती है और जीवन में मंगल मिलता है। आपको बता रहे हैं नवरात्र के आखिरी दिनों में किए जाने वाले ऐसे टोटको के बारे — 

नवरात्रि
के अंतिम दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद सफेद रंग का सूती आसन बिछाकर उस पर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं। अब अपने ठीक सामने पीला कपड़ा बिछाकर उस पर 108 मनकों वाली स्फटिक की माला रख दें तथा इस पर केसर व इत्र छिड़क कर माला का पूजन करें। माला को धूप, दीप और अगरबत्ती दिखाकर ‘ऊं ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा’ मंत्र का 31 बार जाप करें। इस प्रकार लगातार 11 दिन तक करने से वह माला सिद्ध हो जाएगी। इसके बाद आपको जब भी किसी इंटरव्यू में जाना हो या किसी से मिलने के जाना हो तो इस माला को पहन कर जाएं। ऐसे करने से शीघ्र ही इंटरव्यू तथा अन्य कार्यों में सफलता मिलेगी।  

नवरात्रि के आखिरी दिन अष्टमी या नवमी को आप किसी एक खाली या शांत कमरे में उत्तर की दिशा की ओर अपना मुंह करके पीले आसन पर बैठ जाएं। अपने सामने तेल के 9 दीपक जलाएं और ये साधनाकाल तक जलते रहने चाहिए। इन 9 दीपकों के सामने लाल चावल की एक ढेरी बनाकर उस पर एक श्रीयंत्र रख लें। इस श्रीयंत्र का कुंकुम, फूल, धूप, तथा दीप से पूजन करें। इस पूरी क्रिया के बाद एक प्लेट पर स्वस्तिक बनाकर उसका पूजन करें। अब इस श्रीयंत्र को अपने घर के पूजा स्थल में स्थापित कर दें तथा शेष सामग्री को नदी में प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग से आपको जल्दी ही अचानक धन लाभ होगा। 

नवरात्रि के आखिरी दिन किसी शिव मंदिर में जाएं। वहां शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और शक्कर चढ़ाते हुए उसे अच्छी तरह से स्नान कराएं। इसके बाद शुद्ध जल चढ़ाएं और पूरे मंदिर में झाड़ू लगाकर उसे साफ करें। अब महादेवजी की चंदन, पुष्प एवं धूप, दीप आदि से पूजा-अर्चना करें। उसी दिन रात 10 बजे बाद अग्नि प्रज्वलित कर “ऊँ नम: शिवाय” मंत्र का उच्चारण करते हुए घी से 108 आहुति दें। अब 40 दिनों तक नित्य इसी मंत्र का पांच माला जप भगवान शिव के सम्मुख करें। इससे आपकी मनोकामना बहुत जल्दी पूर्ण होगी।  

यदि पति-पत्नी के बीच या घर-परिवार में संबंध अच्छे न हो तो नवरात्रि में इस प्रयोग को करें। नवरात्रि के अंतिम दिन स्नान आदि कर नीचे दिए गए हुए मंत्र को पढ़ते हुए 108 बार अग्नि में घी से आहुतियां दें। इससे यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा। इसके बाद रोजाना नित्य सुबह उठकर पूजा के समय इस मंत्र का 21 बार जप अवश्य करें। यदि संभव हो तो अपने परिवारजन से भी इस मंत्र का जप करने के लिए कहें। इससे जीवन भर परिवार में मधुर संबंध बने रहेंगे। 

नवरात्रि में शिव-पार्वती का एक चित्र अपने पूजास्थल में रखें और उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करने के के बाद नीचे दिए गए हुए मंत्र का 3, 5 अथवा 10 माला जप करें। जप के पश्चात भगवान शिव से विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें। इस मंत्र के प्रभाव से जल्दी ही विवाह के आसार बन जाते हैं। मंत्र 
ऊँ शं शंकराय सकल-जन्मार्जित-पाप-विध्वंसनाय, पुरुषार्थ-चतुष्टय-लाभाय च पतिं मे देहि कुरु कुरु स्वाहा।। 

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