इस महीने छत पर दीपक जलाने से होगी मां लक्ष्मी की कृपा

शरद पूर्णिमा के साथ ही कार्तिक मास का आगाज हो जाता है। कहते हैं कि महीने भर तक प्रतिदिन घर की छत पर अपनी ऊंचाई के बराबर अष्टदल पर दीपक चैतन्य करने से अर्थात अष्टदल पर आठ व मध्य में एक दीपक चैतन्य करने से लक्ष्मी व इंद्र की ही कृपा प्राप्त होती है और अज्ञात भय से निवृति मिलती है।

विष्णु पुराण
के अनुसार राधा दामोदर की पूजा का यह माह बताया गया है। अपने जीवन के ज्ञात-अज्ञात, पाप दोषों से निवृत होने का यह विशिष्ट माह है। शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि कार्तिक माह के दौरान भगवत भक्ति, ईष्ट कृपा, महालक्ष्मी की कृपा, यम के भय से मुक्ति, भाई-बहनों के संबंधों को दृढ़ता प्रदान करने की विशेष अवस्था, साथ ही आरोग्यता प्राप्त करने के लिए आंवले का पूजन करना, यह इस माह की प्रमुख उपलब्धियां हैं, जो मानव जीवन में अपना विशेष प्रभाव रखती हैं।

धर्म शास्त्र के अनुसार बारह मास में कार्तिक का विशेष महत्व है। यह हमारे जीवन में भी विशेष महत्व रखता है। इसके कई आधार हैं, जिसमें ऋतु परिवर्तन के चक्र से लेकर मास पर्यंत सूर्य संक्रांंति का प्रभाव तथा सूर्य की तुला राशि में होने के बावजूद कार्तिक में वर्ष के श्रेष्ठ त्योहारों का होना, देव का जाग्रत होना, चातुर्मास का समापन आदि ये सब इस बात को स्पष्ट करते हैं, कि बारह माह में कार्तिक मास का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। कार्तिक मास के समान कोई भी माह नहीं है।

पुराणों में वर्णित है कि यह माह धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष को देने वाला है और इस समय पर तुलसी पूजा विशेष फलदायी होती है। कार्तिक मास में तुलसी पूजा करने से पाप नष्ट होते हैं। मान्यता है कि इस मास में जो व्यक्ति तुलसी के समक्ष दीपक जलाता है उसे सर्व सुख प्राप्त होते हैं।

इस मास में भगवान विष्णु एवं तुलसी के निकट दीपक जलाने से अमिट फल प्राप्त होते है। इस मास में की गई भगवान विष्णु एवं तुलसी उपासना असीमित फलदायी होती है। तुलसी के पौधे में चमत्कारिक गुण मौजूद होते है। प्रत्येक आध्यात्मिक कार्य में तुलसी की उपस्थिति बनी रहती है।

कार्तिक माह में तुलसी पूजन विशेष रूप से शुभ माना गया है। वैष्णव विधि-विधानों में तुलसी विवाह तथा तुलसी पूजन एक मुख्य त्योहार माना गया है। भगवान कृष्ण को कार्तिक मास अत्यधिक प्रिय है।

कार्तिक मास को मनुष्य के मोक्ष का द्वार भी कहा गया है। कहा जाता है कि इस पूरे माह जो दिल से प्रभु की आराधना करे, उनके चरणों में अपना अधिक समय लगाए, ऐसा व्यक्ति मृत्यु पश्चात मोक्ष को प्राप्त होता है।

इस माह में ईश्वरीय कृपा सबसे अधिक होती है। देवों का आशीर्वाद सबसे जल्दी मिलता है। धार्मिक कार्य एवं शास्त्रीय उपाय करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और पुण्यल की प्राप्तिा होती है। इस पूरे माह में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके तुलसी को जल चढ़ाने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

कार्तिक में तुलसी के पौधे को दान करना भी शुभ माना गया है। जो भी व्यक्ति कार्तिक के पूरे महीने भूमि पर सोता है, उसके जीवन से विलासिता दूर होती है और सादगी का आगमन होता है। सेहत और मानसिक विकारों को दूर करने के लिए भी जमीन पर सोना बेहतर माना गया है।
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