पूजा करते समय रखें इन बातों का ध्‍यान, सबकुछ मिलने लगेगा

तांबे के बरतन में दूध, दही या पंचामृत आदि नहीं डालना चाहिए क्योंकि वह मदिरा समान हो जाते हैं। आचमन तीन बार करने का विधान हैं। इससे त्रिदेव ब्रह्मा-विष्णु-महेश प्रसन्न होते हैं।
दाहिने
कान का स्पर्श करने पर भी आचमन के तुल्य माना जाता है। देवताओं को अंगूठे से नहीं मले। चकले पर से चंदन कभी नहीं लगावें। उसे छोटी कटोरी या बांयी हथेली पर रखकर लगावें।
पुष्पों
को बाल्टी, लोटा, जल में डालकर फिर निकालकर नहीं चढ़ाना चाहिए।
भगवान
के चरणों की चार बार, नाभि की दो बार, मुख की एक बार या तीन बार आरती उतारकर समस्त अंगों की सात बार आरती उतारें।
लोहे
के पात्र से भगवान को नैवेद्य अपर्ण नहीं करें।
जप
करते समय सिर पर हाथ या वस्त्र नहीं रखें।
तिलक
कराते समय सिर पर हाथ या वस्त्र रखना चाहिए।
माला
का पूजन करके ही जप करना चाहिए।
ब्राह्मण
को या द्विजाती को स्नान करके तिलक अवश्य लगाना चाहिए।
मंगल
कार्यो में कुमकुम का तिलक प्रशस्त माना जाता हैं।
पूजा में टूटे हुए अक्षत के टूकड़े नहीं चढ़ाना चाहिए। पानी, दूध, दही, घी आदि में अंगुली नही डालना चाहिए। इन्हें लोटा, चम्मच आदि से लेना चाहिए क्योंकि नख स्पर्श से वस्तु अपवित्र हो जाती है अतः यह वस्तुएँ देव पूजा के योग्य नहीं रहती हैं।


शनि की साढे़साती के अशुभ फलों के उपाय
रोटी के एक टुकडे से होगा जीवन में चमत्‍कार

कुंवारे युवक-युवतियों को निहाल करेगा वर्ष 2017

Home I About Us I Contact I Privacy Policy I Terms & Condition I Disclaimer I Site Map
Copyright © 2024 I Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved I Our Team