चंद्रग्रहण करें ये उपाय, पापग्रहों से रहेंगे दूर आएगी समृद्धि

कल यानी रक्षाबंधन को चंद्रग्रहण का साया रहेगा। ऐसे में केवल चंद्रदेव की आराधना कर ही अच्‍छे परिणाम पाए जा सकते हैं। चंद्रमा मनुष्य की मनोदशा को प्रभावित करता है। चंद्रमा से परेशान व्यणक्ति अपनी दशा अथवा पापग्रह की दशा में मानसिक कमजोरी, अवसाद, मानसिक उद्विग्नता इत्यादि मनोरोग देता है। ऐसे में सूतक काल में चंद्रदेव के स्‍वामी महादेव की पूजा आराधना भरपूर लाभ दे सकती है।

चंद्रमा से पीडा कब मिलती है
जब चंद्रमा गुरु से षडष्टक रहता है और दोनों ग्रहों में से कोई भी त्रिकोण अथवा केन्द्र भावों में स्थित नहीं हो, तो शकट योग बनता है। यह योग भी मनुष्य को मानसिक रूप से कमजोर और निर्बल इच्छाशक्ति वाला बनाता है।
जब जन्मकुण्डली में चंद्रमा और शनि की युति होती हो, तो जातक शीघ्र ही अवसाद में आने वाला होता है। चंद्रमा लग्नेश, केन्द्रेश अथवा त्रिकोणेश होकर त्रिक भावों में पापग्रहों अथवा त्रिकेशों से पीडि़त हो, तो व्यक्ति मनोरोगों से परेशान रहता है।
चंद्रमा और राहु अथवा चंद्रमा और केतु की युति त्रिकभाव में हो तथा इस पर पापग्रहों की दृष्टि हो, तो व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर एवं मन से उद्विग्न रहता है। ऐसे व्यक्ति छोटी-छोटी समस्याओं से शीघ्र परेशान हो जाते हैं।
मुख्य रूप से ऐसी समस्याएं उस समय अधिक उभरकर आती हैं, जब चन्द्रमा की दशा-अंतर्दशा हो अथवा उसे पीडि़त करने वाले ग्रह की दशाएं हों।
कुण्डली में केमद्रुम योग निर्मित होता हो, तो व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर एवं निर्बल इच्छाशक्ति वाला होता है। वह जीवन में सोचता तो बहुत है, लेकिन किसी भी कार्य को समय पर पूर्ण नहीं कर पाता है। वह शीघ्र ही अवसाद में आ जाता है।

चंद्रग्रहण के दौरान सूतक के समय जपें ये मंत्र
ओम सौं सोमाय नम:। चंद्रमा के अधिदेवता भगवान शिव की पूरे समय आराधना करें।
सूतक के समय निराहार रहकर ध्यारन और आराधना करें।
जितना हो सके चंद्रमा की कारक वस्तुओं जैसे सफेद वस्त्र, चांदी, दूध, चावल, मोती, रुद्राक्ष आदि का दान करें।
मां, बहन, बेटी, बुआ, मौसी आदि को पूर्ण मान-सम्मान दें तथा जीवन में कदापि किसी स्त्री को न सताएं।
आप पश्चिम दिशा में झाड़ू या कोई भी गंदगी चीज जौसे कि पोंछा, डस्टर आदि ना रखें। साथ ही घर के उत्तर-पश्चिमी कोने में गुलाबी रंग का बल्ब लगाएं और दिन ढलते ही इसे जला देना चाहिए।
अगर आपका चंद्रमा कमजोर है और उसे ताकतवर बनाना है, तो कम से कम दस रत्ती का मोती धारण करें।
आप चिकनी मोती को चांदी की अंगूठी में जड़वाकर सोमवार के दिन अपनी कनिष्ठिका अंगुली में धारण करें। इससे आपको फायदा मिलेगा।
अगर आप मोती नहीं खरीद सकते है, तो मोती के उपरत्न मून स्टोन को भी पहन सकते हैं। इसे भी आप चांदी की अंगूठी में डालकर पहन सकते है। इसे आप चांदी का लॉकेट बनवाकर गले में पहन सकते हैं।
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