शंख में रात भर गंगा जल भरकर प्रातः सेवन किया जाए तो...
            Astrology Articles   I   Posted on 17-05-2019  ,13:46:13   I  by: vijay
             किसी भी धार्मिक आयोजन, कथा, पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन आदि के 
समय शंख बजाने को अत्यंत शुभ माना जाता है। शंख से निकलने वाली ध्वनि से 
वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा और हानिकारक जीवाणु एवं विषाणुओं का नाश
 हो जाता है, जिससे स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है। 
             
             
              
              
              
            प्रभावशाली रत्न है शंख
            
            किसी भी धार्मिक आयोजन, कथा, पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन आदि के 
समय शंख बजाने को अत्यंत शुभ माना जाता है। शंख से निकलने वाली ध्वनि से 
वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा और हानिकारक जीवाणु एवं विषाणुओं का नाश
 हो जाता है, जिससे स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है। 
             
             
              
              
              
            प्रभावशाली रत्न है शंख 
माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय निकलने वाले चौदह रत्नों में 
से एक रत्न शंख भी था। धार्मिक तथा स्वास्थ्य की दृष्टि से शंख बहु उपयोगी 
है। शंख बजाने से कुंभक, रेचक तथा प्राणायाम क्रियाएं एक साथ होती हैं, 
इसलिए स्वास्थ्य भी सही बना रहता है। वहीँ कैल्सियम कार्बोनेट से निर्मित 
होने के कारण यदि शंख में रात भर गंगा जल भरकर प्रातः सेवन किया जाए तो 
शरीर में कैल्सियम तत्व की कमी नहीं होने पाती है और छोटी-मोटी बीमारियों 
से बचाव। आयुर्वेद के मतानुसार शंख की भस्म के औषधीय प्रयोग से हार्ट अटैक,
 ब्लड प्रेशर, अस्थमा, मंदाग्नि, मस्तिष्क और स्नायु तंत्र से जुड़े रोगों 
में आशातीत लाभ मिलता है। लयबद्ध ढंग से शंख बजाने से फेफड़ों को मजबूती 
मिलती है तथा शरीर में शुद्ध आक्सीजन का प्रवाह होने से रक्त भी शुद्ध होता
 है।
सुख-समृद्धि के लिए शंख-- 
कहा जाता है कि दक्षिणवर्ती शंख धन की देवी महालक्ष्मी जी का स्वरुप है। 
इसलिए धन लाभ और सुख-समृद्धि के लिए घर में उत्तर-पूर्व  दिशा में अथवा घर 
के पूजा घर में रखना चाहिए और प्रतिदिन उस शंख की धूप दीप दिखाकर पूजा करनी
 चाहिए। पितृ दोष के असर से बचने के लिए दक्षिणवर्ती शंख में पानी भरकर 
अमावस्या और शनिवार के दिन दक्षिण दिशा में मुख करते हुए तर्पण करने से 
पितृ प्रसन्न होकर शुभ आशीर्वाद देते हैं जिससे गृह कलह, कार्यों में बाधा,
 संतान हीनता और धन की कमी जैसी समस्याओं में कमी आने लगती है। 
ग्रहदोष शांति में उपयोगी 
नवग्रहों की शांति एवं प्रसन्नता के लिए भी शंख उपयोगी रत्न माना 
गया है। सूर्य ग्रह की प्रसन्नता के लिए सूर्योदय के समय शंख से सूर्यदेव 
पर जल अर्पित करना चाहिए। चंद्र ग्रह के अशुभ प्रभाव को दूर करने लिए शंख 
में गाय का कच्चा दूध भरकर  सोमवार को भगवान् शिव पर चढ़ाना चाहिए। मंगल 
ग्रह को अपने अनुकूल बनाने के लिए मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करते 
हुए शंख बजाना आसान और श्रेष्ठ उपाय है। बुध ग्रह की प्रसन्नता  के लिए शंख
 में जल और तुलसी दल लेकर शालिग्राम पर अर्पित करना चाहिए, वहीँ गुरु गृह 
को प्रसन्न करने के लिए गुरूवार को दक्षिणवर्ती शंख पर केसर का तिलक लगाकर 
पूजा करने से भगवान् विष्णु की कृपा मिलती है। शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभाव 
को दूर करने के लिए शंख को श्वेत वस्त्र में लपेट कर  पूजा घर में रखना 
चाहिए। धन -धान्य एवं आर्थिक समृद्धि पाने के लिए शंख में चावल भरकर लाल 
रंग के वस्त्र में लपेट कर उत्तर दिशा की ओर खुलने वाली तिजोरी अथवा धन 
रखने वाली आलमारी में रखना चाहिए।
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