मार्गशीष माह में प़डेंगे 4 गुरूवार, करते हैं लक्ष्मी की विशेष पूजा
            Astrology Articles   I   Posted on 25-11-2021  ,08:35:54   I  by: 
            
            
            पिछले शनिवार 20 नवम्बर से मार्गशीष महीना शुरू हो चुका है। 25 नवम्बर को  मार्गशीष माह का पहला गुरुवार पड़ा है। शास्त्रों के अनुसार मार्गशीष माह  के हर गुरुवार को देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा करने की परंपरा है।  मार्गशीर्ष महीने के देवता भगवान विष्णु हैं, इसलिए इस महीने दामोदर नाम से  विष्णुजी और श्रीकृष्ण की पूजा भी की जाती है। स्कंद पुराण में भी इसका  जिक्र है कि गुरुवार को भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करने से सुख और  समृद्धि बढ़ती है। साथ ही जाने-अनजाने में हुई गलती और पाप खत्म हो जाते  हैं।
इस मार्गशीष महीने 4 गुरुवार
हिंदू धर्म के इस पवित्र महीने में  गुरुवार का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी घर आती  हैं। इसलिए घर के दरवाजे से पूजा कमरे तक रंगोली सजाने की भी परंपरा है। इस  महीने में भगवान विष्णु की पूजा भी विशेष फलदायी मानी गई है। ज्योतिषियों  के मुताबिक इस मार्गशीष महीने के दौरान चार गुरुवार आएंगे। इस महीने  जरूरतमंद लोगों की मदद और उन्हें गर्म कपड़े, खाने की चीजें और पूजन  सामग्री दान करना लाभकारी रहेगा।
मार्गशीष माह गुरुवार की मान्यता
मार्गशीष  माह को अगहन माह के रूप में भी जाना जाता है। अगहन महीने में श्रद्धालु  घर-द्वार सजाकर मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। पौराणिक मान्यता के मुताबिक,  अगहन को महालक्ष्मी का महीना माना गया है। इस महीने के गुरुवार को धन की  देवी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सुख-शांति और समृद्धि मिलती है।
माना  जाता है कि इस महीने मां लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं। गुरुवार को इनका आगमन  ऐसे भक्त के यहां होता हैं, जिनके घर में साफ-सफाई, सजावट व मन, वचन और  कर्म से पूरी सात्विकता रहती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यही वजह है कि  महिलाएं हर बुधवार को घर-द्वार को रंगोली से सजा कर मां पूजा स्थल तक देवी  के पग चिन्ह बना कर गुरुवार को सुबह जल्दी उनका आह्वान करते हैं। सुबह,  दोपहर व शाम तीनों समय उन्हें भोग अर्पित कराते हुए पूजा-अर्चना की जाती  है।
लक्ष्मी के साथ होती है भगवान विष्णु की पूजा
ज्योतिषाचार्यों  के मुताबिक मार्गशीष माह 19 दिसंबर तक चलेगा। हिंदू पंचांग और पुराणों में  मार्गशीष मास को सबसे उत्तम और सभी कामों को सिद्ध करने वाला बताया गया  है। मार्गशीष मास के दौरान पडऩे वाले बृहस्पतिवार का अत्यंत महत्व होता है।
शास्त्रों  में कहा गया है कि मार्गशीष के हर गुरुवार को भगवान विष्णु का विशेष पूजन  किया जाए तो इससे विवाह संबंधी समस्या दूर हो सकती है, वैवाहिक जीवन में आ  रही बाधाएं भी दूर हो सकती हैं। धनागमन सुनिश्चित होता है और पारिवारिक  समस्याएँ भी खत्म होने लगती हैं। इस साल मार्गशीर्ष में 4 गुरुवार पड़ेंगे।  इसमें पहला गुरुवार 25 नवंबर को रहेगा।