इन राशि वालों के लिए लाभदायक होगा 2024, क्या आप भी हैं इनमें शामिल! जानिये

—प्रदीप द्विवेदी


ज्योतिष और अंकशास्त्र का गहरा संबंध है। ग्रहों में तीन ग्रह- सूर्य, राहु और केतु ही निर्णायक माने जाने चाहिए, जो सूर्य वर्तमान को, राहु भविष्य को और केतु भूतकाल को दिखाता है, शेष ग्रह सूर्य पर निर्भर हैं। सूर्य के प्रकाश में सब कुछ साफ नजर आता है, इसलिए वर्तमान कोई भी देख सकता है, लेकिन छाया ग्रह राहु-केतु अंधकार का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए भूत और भविष्य को देखना, जानना आसान नहीं है, जिनका केतु कारक होता है, वे भूतकाल की अच्छी जानकारी दे सकते हैं, तो जिनका राहु अच्छा हो वे सटीक भविष्यवाणी कर सकते हैं, इसका यह अर्थ भी है कि जिनका सूर्य प्रबल है वे वर्तमान के अच्छे मार्गदर्शक हो सकते हैं, तो जिनका राहु कारक है वे भविष्य के लिए अच्छे मार्गदर्शक हो सकते हैं।

गोचरवश जब सूर्य अच्छा हो तो व्यक्ति का वर्तमान सफलता प्रदान करता है, कर्म के सापेक्ष बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं, जबकि गोचरवश जब सूर्य अच्छा नहीं हो तो व्यक्ति को कर्म के सापेक्ष अच्छे परिणाम नहीं मिलते हैं, यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य कारक है, तो उसे अच्छे समय में बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं, तो खराब परिणाम में कमी आती है, जबकि सूर्य अकारक होने पर शुभ परिणाम में कमी आती है, तो अशुभ परिणाम में बढ़ोतरी होती है।

इसी तरह जब गोचरवश केतु अच्छा हो तो प्रारब्ध का अच्छा फल मिलता है, लेकिन गोचरवश केतु खराब हो तो पिछले जन्म के पापकर्म के खराब परिणाम मिलते हैं। गोचरवश राहु अच्छा हो तो सुनहरे भविष्य की संभावना बनती है, तो राहु अच्छा नहीं होने पर भविष्य की आशंकाएं बेचैन कर देती हैं। क्योंकि अंक 1 से 9 तक हैं तो यह चक्र 9 साल में पूरा हो जाता है, लेकिन राहु-केतु 18 वर्ष में चक्र पूरा करते हैं, इसलिए जब अंकशास्त्र को ज्योतिष से जोड़ा जाता है तो चक्र 18 वर्ष का ही देखना चाहिए।


इस दृष्टि से किसी भी व्यक्ति के लिए 2024 कैसा रहेगा यह जानके लिए अतीत में झांकना होगा कि 2006 कैसा था? क्योंकि वर्ष 2006 में सूर्य, राहु और केतु का जो गोचर था, लगभग वैसा ही गोचर 2024 में रहेगा तथा अंक योग भी वैसा ही रहेगा!


वर्ष 2006 में राहु अधिकतम समय मीन राशि में था, तो केतु कन्या राशि में, जबकि 2024 में भी राहु मीन, तो केतु कन्या राशि में है। वर्ष 2024 का योग 8 है, जिसका मतलब है कि यह शनि के प्रभाव वाला वर्ष है, इसलिए जिनके लिए शनि कारक है, उन्हें अच्छे परिणाम मिलेंगे, तो अकारक है, उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है, यदि गोचरवश भी शनि अच्छा है, तो शुभ परिणाम में बढ़ोतरी होगी, तो गोचरवश शनि अच्छा नहीं है, तो परिणाम को लेकर ज्यादा आशान्वित नहीं रहें।


शनि के मित्र-शत्रु देखें तो सूर्य पुत्र शनि के मित्र ग्रहों में बुध, राहु और शुक्र आते हैं, सूर्य, चंद्रमा और मंगल, इसके शत्रुओं की श्रेणी में आते हैं, जबकि गुरु, केतु को इसके समभाव का माना जाता है। इस दृष्टि से देखें तो 2024 जिनकी जन्म तारीख 8, 17, 26, 5, 14, 23, 4, 13, 22, 6, 15, 24 है उनके लिए 2024 बहुत अच्छा है, जिनकी जन्म तारीख 3, 12, 21, 30, 7, 16, 25 है उनके लिए 2024 साधारण है, तो 1, 10, 19, 28, 2, 11, 20, 29, 9, 18, 27 है उन्हें कर्म के सापेक्ष परिणाम कम प्राप्त हो सकता है।


राशि के नजरिए से देखें तो 2024 कुंभ, मकर, कन्या, मिथुन, तुला, और वृषभ राशि वालों के लिए अच्छा है, धनु और मीन राशि वालों के लिए साधारण है, तो सिंह, कर्क, वृश्चिक और मेष राशि वालों को मिले जुले फल प्रदान कर रहा है, खासकर कर्क राशि और जिनकी जन्म तारीख 2, 11, 20, 29, 4, 13, 22 है, उन्हें जनवरी, फरवरी, मार्च, जुलाई, अगस्त और सितंबर में अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं! यह वर्ष महावीर हनुमान की आराधना का वर्ष है, क्योंकि शनि महाराज बजरंगबली के भक्तों को कभी परेशान नहीं करते हैं, इसलिए इस वर्ष.... जय बोलो हनुमान की, जय बोलो! —शनि की तीन स्थितियां है- कारक, अकारक और सम!


—जीवन में शनि अकारक है तो सहकर्मियों का सहयोग नहीं मिलता है, घर क्षतिग्रस्त हो जाता है, शुभ कार्य धीमी गति से होते हैं, शरीर के विविध अंगों के बाल झड़ने लगते हैं आदि।

—अकारक शनि होने पर शनि से संबंधित वस्तुओं... लोहा, काली उड़द, कोयला, तिल, जौ, काले वस्त्र, चमड़ा, काला सरसों आदि का यथाशक्ति दान करना चाहिए।


—शनिदेव, राम भक्त हनुमान के भक्तों को कभी परेशान नहीं करते हैं इसलिए शनि द्वारा प्रदत्त परेशानियों से राहत के लिए नियमित रूप से महावीर हनुमान की पूजा-अर्चना करें!

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