घर से भागे वयक्ति को वापिस बुलाने का ऊपाय
Others I Posted on 11-07-2013 ,00:00:00 I by:

वर्तमान में विशेष तौर युवावर्ग में संयम एवं धैर्य की अत्यनत कमी दिखाई दे रही है। विषम एवं विशेष स्थितियों में जब उन्हेे अत्याधिक साहस का उपयोग करना चाहिये, उसी समय वे अपना साहस गंवा देते हैं। इस प्रकार के व्यक्ति या तो अपने आप पर नियंत्रण नहीं रख पाते अथवा किन्हीं कठिन परिस्थितियों का समना करने में असमर्थ होता है। जब व्यक्ति को परिवार में किसी ऎसी स्थिति का सामना करना पडता है, जिसे वह स्वीकार करने को तत्पर नहीं है, तब वह घर से भाग जाना ही उचित समझता है। अनेक बार परीक्षा के वंछित परिणामों को संदिग्ध देखते हुए व्यक्ति घर छोड कर भाग जाता है।
कई बार प्रेम सम्बन्धों के कारण वह घर छोड कर चला जाता है। इसके अलावा भी अनेेक सामयिक स्थितियां उत्पन्न हो जाती है जिनमें व्यक्ति इच्छा अथवा अनिच्छा से घर छोडकर चला जाता है। एकसी स्थिति में उसके परिजनों को कितना कष्ट उठाना पडता है, इसका अनुमान भागने वाले व्यक्ति को नहीं होता। इसके उपरांत भी परिवार वाले पूर्ण प्रयासों के द्वारा घर से गये व्यक्ति को वापिस बुलाने को तत्पर रहते हैं। यहां पर मैं कुछ ऎसे उपायों पर प्रकाश डाल रहा हूं जो उपरोक्त स्थितियसें में अत्यन्त लाभदायक सिद्ध होंगें। अनेक लोंगों को इन उपायों द्वारा लाभ प्राप्त हुआ है। इसलिये इनकी सफलता पर कभी शंका नहीं करनी चाहिये।
उपाय नं 1: अनेक परिवारों में आपसी तनाव लडाई,झगडा, कुंठा, किसी के बहकावे से दिवास्वप्न के वशीभूत अथवा परीक्षा में असफलता की वजह से व्यक्ति या बालक बालिकायें घर छोड कर भाग जाते हैं। उनका यह कृत्य स्वयं को तो मुसीबत में डालता ही है। परिवारजनों को भी दु:खी और चिंतित करता है। यदि शीघ्र ही घर से भागे व्यक्ति के बारे में कोई सूचना मिल जाती है या वह स्वयं लौट आता है तो परिवार, माता-विता प्रसत्र हो जाते हैं। यदि नहीं लौटता है तो जीवन भर उसके बिछूडने का दु:ख रहता है। घर से गये व्यक्ति की सूचना प्राप्त करने या उसके लौटने हेतु कुछ अभिभावकों को प्रयोग करें। कर्पूर की टिकिया जला कर उस पर मिट्टी का दीपक उल्टा रखकर काजल बना लें। इस काजल से गये हुए व्यक्ति के वस्त्र पर दाहिने हाथ की सबसे बडी अंगुली से यह यंत्र बनायें। यंत्र बनाने के पश्चात् इस वस्त्र को हाथ में लेकर यह भावना करते हुए उसका नाम उच्चारण करें कि वह शीघ्र वापस लौट आये अथवा सूचना दें। ऎसा करने के बाद इस वस्त्र को पूजा स्थल के नीचे भारी वस्तु से दबा कर रख दें। गया हुआ व्यक्ति शीघ्र अपने बाने में सूचना देगा या वापस लौट आयेगा। यह उपाय करने पर अधिकंशत: व्यक्तियों को सफलता प्राप्त हुई।
उपाय नं 2: जब कोई व्यक्ति नाराज होकर घर छोड कर चला जाये और अपने बारे में कोई सूचना भी न दे, न ही उसके बारे में यह मालूम हो कि वह कहां है, किस हाल में है ऎसे व्यक्ति को वापस बुलाने हेतु आकर्षण यंत्र का प्रयोग किया जा सकता है। शुक्रवार को स्त्रानादि से निवृत होकर हाथ जोडकर देवी भगवती को प्रणाम करें। घर से गये हुए प्रियजन का ध्यान करें एवं देवी मँा से प्रर्थना करें कि वह अपने अमुक प्रियजन की वापसी हूतु यह उपाय कर रहे हैं। अत:वह शीघ्र वापस लौट आये। एक साफ सुथरा अखण्डित भोजपत्र लें। गोरोचन को गंगाजल में पीस कर उसका लेप बना लें। इस लेप द्वारा अनार वृक्ष की टहनी की कलम बनाकर भोजपत्र पर यह यंत्र बना लें। यंत्र में देवदत शब्द की जगह उस व्यक्ति का नाम लिखें जिसे वापस बुलाया है। यंत्र बना लेने के बाद उसकी धूप दीप पुष्पादि से पूजा करें। नारियल की गिरि का प्रसाद चढावें व 21 या 51 रूपये की भेंट रखें। अब कमलगट्टे की माला से अग्रंकित मंत्र का 1008 बार जाप करें। जाप के वत यंत्र को लपेट कर गाय के शुद्ध घी से भरी शीशी में डूबों कर ढक्क्न बंद कर दें। प्रसाद बच्चा में बांट दें एवं रूपयों की ज्वार चारा पक्षियों या पशुओं को खिलावें। नित्य धूप दीप करके 108 बार मंत्र जाप करें। कुछ दिन बाद आपको अपने प्रियजन की सूचना प्राप्त होगी अथवा वह वापिस लौट आयेगा।
मंत्र-ऎ क्लीं ह्सौ: बाला त्रिपूरे सिद्धिं देहि नम: गया हुआ व्यक्ति जब वापिस लौट आये तब यंत्र को किसी नदी या तालाब के जल में प्रवाहित कर दें। घी को आटे में मिलाकर गूंध लें। इसकी एक मोटी रोटी सेक लें। इस पर थोडा गुड रख कर गाय को खिला दें और साथ ही मानसिक रूप से अपने प्रभु से प्रार्थना करें कि उसकी पूजा स्वीकार करें ताकि घर से गया हुआ व्यक्ति वापिस लौट आये। ईश्वर पर विश्वास रखें। आपकी कामना अवश्य पूरी होगी।
उपाय नं 3: घर छोडकर गये हुए व्यक्ति को वापस बुलाने अथवा उसकी सूचना प्राçप्त हेतु एक अन्य उपाय इस प्रकार है। गया हुआ व्यक्ति जिस स्थान या कमरें में सोता था उस कमर के ईशान कोण में यह प्रयोग करना है। एक साफ भोजपत्र लेकर उस पर जल छिडक कर स्वच्छ कर लें। लाल चंदन को घिस कर लेप बना लें। इस लेप से अनार की कलम द्वारा म्रि यंत्र भोजपत्र पर बना लें। यंत्र मे अमुक वाले स्थान पर गये हुए व्यक्ति का नाम लिख दें। बाजार से एक छोटा मिट्टी का नया कलश एवं उस पर ढक्कन ले आयें। इस कलश में यंत्र रख दें। कलश के मुंह पर ढक्कन रखें। ढक्कन में तांबें के 5 सिक्क्9 कौडिया एवं 5 गोमती चक्र रखें। कलश को उस कमरे के ईशान कोण में भूमि पर जल छिडक कर रख दें, जहां वह वयक्ति सोता था। यहीं पूर्व की ओर मुंह करके एक माला निम्र मंत्र की करें। मंत्र जाप के पत उपले की आंच पर बर्फी के प्रसाद का भोग लागावें।
कलश को वहीं रखा रहने दें। मंत्र जाप एवं प्रसाद का भोग नित्य लगायें। ऎसा कम से कम 21 दिन करें। शीघ्र ही गये हुए व्यक्ति के बारे में सूचना प्राप्त होगी अथवा वह स्वयं वापस आ जायेगा। जब वह व्यक्ति वापस आ जाये तो कलश में जल भरकर पीपल वृक्ष की जड में रख आयें तथा समग्री को नदी या तालाब में प्रवाहित कर दें। इसमें से एक गोमती चक्र एक कौडी एक सिक्के को लाल कपडे में बांधकर उक्त व्यक्ति की जेब में रखने के लिये दे दें, जो वापिस लौटा हो। नवमी के दिन 9 कन्याओं को भोजन कराकर दक्षिणा दें।
मंत्र: ऎंक्लीं चामुण्डयै विच्चो।। विशेष: घर से भागने की घटनाओं में अधिकांशत् युवा वर्ग के लडके अधिक संलग्र रहते हैं। इसमें अनेेक कारणें में घर के वातावरण एवं व्यवहार का अधिक योगदान रहता है