हरियाली अमावस्या : इन कामों के करने से मिलता पित्तरों का आशीर्वाद

गुरुवार 28 जुलाई को सावन के महीने का पहला पखवाड़ा पूरा हो गया है। आज अमावस्या भी है। सावन के महीने में आने वाली अमावस्या को श्रावणी अमावस्या या हरियाली अमावस्या के तौर पर जाना जाता है। श्रावणी अमावस्या के दिन पुष्य नक्षत्र के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं, जो शुभ माने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा और उपाय देवताओं के साथ पितरों का भी आशीर्वाद दिलाते हैं। हरियाली अमावस्या के दिन व्रत और पितृ तर्पण के साथ ही पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। इसी के साथ इस दिन कुछ उपाय भी किए जाते जो परेशानियों से छुटकारा दिलाने का काम करते हैं।
शुभ मुहूर्त और शुभ योग
श्रावणी / हरियाली अमावस्या की तिथि की शुरुआत 27 जुलाई दिन बुधवार को रात 09 बजकर 11 मिनट से हो जाएगी, जो गुरुवार रात अर्थात् 28 जुलाई की रात 11 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। लेकिन पूजा-पाठ उदया तिथि में मान्य होती है इसलिए श्रावणी / हरियाली अमावस्या की पूजा 28 जुलाई को की जाएगी। इसी दिन व्रत रखा जाएगा और पीपल के पेड़ की पूजा की जाएगी। श्रावणी / हरियाली अमावस्या पर इस बार कई शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन गुरु पुष्य योग के साथ अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे महायोग उपस्थित हो रहे हैं। इन योग में पूजा-अर्चना करने के शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जो भी शुभ काम इस दिन किए जाएंगे उसमें सफलता मिलेगी।

आज हम अपने पाठकों को हरियाली अमावस्या के दिन किए जाने वाले कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको करने से न सिर्फ देवताओं अपितु पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है।
1. सावन शिव जी का प्रिय महीना है, इसलिए हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा करना विशेष रूप से फलदायी होता है। ज्योतिष के अनुसार, हरियाली अमावस्या के दिन महादेव को आक या मदार के सफेद फूल चढ़ाने से पितृ दोष समाप्त होता है।

2. श्रावणी या हरियाली अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान है। हरियाली अमावस्या के दिन सुबह-शाम पीपल के मूल में जल में दूध मिलाकर अर्पित करें और मालपुआ के साथ पांच तरह की मिठाई भी रखें। इसके बाद धूप-दीप से पूजा करें, ऐसा करने से पितरों को शांति मिलती है और पितृ दोष भी दूर होता है।

3. इस दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू अथवा तुलसी का वृक्षारोपण जरूर करें। साथ ही किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाएं। इसके अलावा चींटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं। इससे आपको पुण्य फल की प्राप्ति होगी।

4. परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए सावन की अमावस्या के दिन हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। साथ ही हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। इसके अलावा अमावस्या की शाम को मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं।

5. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए हरियाली अमावस्या के दिन पति-पत्नी को साथ में महादेव और माता पार्वती की विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए। इससे माता पार्वती के साथ शिव जी भी कृपा प्राप्त होती है।

6. इस दिन दान के साथ ही दीपदान भी करना चाहिए। इस दिन आटे के दीपक जलाकर नदी में प्रवाहित करने से पितृदेव और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है। इस दिन शनिदेवजी के मंदिर में विधि अनुसार दीपक लगाने से वे प्रसन्न होते हैं।

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