कार्तिक मास में पडऩे वाले इन 3 व्रतों को करने से मिलती है पापों से मुक्ति

चल रहा महीना कार्तिक मास है, जो 19 नवम्बर तक रहेगा। दीपावली के बाद कार्तिक मास के 15 दिनों को धर्मग्रन्थों में बहुत महत्त्वपूर्ण माना गया है। इस महीने में रोज सुबह जल्दी उठकर नदी में स्नान करने की भी परंपरा है। कहा जाता है कि जो लोग कार्तिक स्नान करते हैं यदि वे माह के शुरूआत में इसे शुरू न कर पाए हों तो अन्तिम 15 दिन स्नान कर सकते हैं और यदि अंतिम 15 दिन में भी वे यह पुण्य प्राप्त नहीं कर पाएं हैं आने वाली देव प्रबोधिनी अर्थात् देव उठनी एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा के तक पडऩे वाले 5 दिनों में वह यह स्नान करके अपने पापों से मुक्ति पा सकते हैं। कार्तिक मास के अन्तिम 15 दिनों में 3 बड़े व्रत पड़ते हैं। इस महीने में 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी। फिर 18 नवंबर को वैकुंठ चतुर्दशी और 19 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा पर्व रहेगा। कार्तिक महीने में भगवान विष्णु की पूजा खासतौर पर की जाती है। कार्तिक माह में नदी में दीपदान भी किया जाता है। इस माह का संबंध भगवावन शिव-पार्वती के पुत्र कार्तिकेय से है।
भारत भर के पंडितों का कहना है कि पुराणों में कार्तिक महीने के दौरान दीपदान करने को कहा गया है। धर्मग्रन्थों के अनुसार देवउठनी एकादशी, वैकुंठ चतुर्दशी और कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करने से भगवान विष्णु और लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।

एक नजर उन 3 व्रतों पर जो 19 नवम्बर के मध्य तक पडऩे वाले हैं...

देवउठनी एकादशी
जयपुर के ज्योतिषाचार्य पंडित भगवान सहाय जोशी के अनुसार देव उठनी एकादशी 14 नवम्बर को प्रारंभ होकर 15 नवंबर तक रहेगी। सूर्योदय व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखकर पंडितों ने इसे 15 को ही मनाए जाने का उल्लेख किया है। इसी दिन भगवान विष्णु चार माह का विश्राम कर योग निद्रा से जागते हैं। जिससे चातुर्मास खत्म होगा और मांगलिक कामों की शुरुआत हो जाएगी।

वैकुंठ चतुर्दशी
18 नवंबर गुरुवार को वैकुंठ चतुर्दशी है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु और शिवजी का मिलन हुआ था। इसी के चलते इस दिन को हरिहर मिलन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन किए गए स्नान-दान से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और जाने अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं। माना जाता है कि इस दिन किए गए तीर्थ स्नान से बीमारियां भी दूर होती हैं।

कार्तिक पूर्णिमा
इस वर्ष शुक्रवार 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है। यह चंद्रदेव, विष्णु और लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने की श्रेष्ठ तिथि मानी गई है। इस दिन को देव दिवाली भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन गंगा तट पर देवता दीप जलाकर स्वर्ग प्राप्ति का उत्सव मनाते हैं।

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