हस्त रेखाओं में छिपा है राजयोग, पहचानें संकेतों को

आपके हाथों की लकीरों में राजयोग है या नहीं इसका पता सामुद्रिक शास्त्रों के अध्यसयन से ही लगाया जा सकता है। वैसे कुछ चिन्होंक और संकेतों को देखकर बताया या सकता है कि जातक की कुंडली में राजयोग है या नहीं-

जिसकी
हथेली के मध्य घोड़ा, घड़ा, पेड़, दंड या स्तंभ का चिन्ह हो, वह राजसुख भोगने वाला, नगर सेठ के समान धनी होता है।
जिसका ललाट चौड़ा और विशाल, नेत्र सुंदर, मस्तक गोल और भुजाएं लंबी हों, वह भी राजसुख भोगता है।
जिसके हाथ में धनुष, चक्र, माला, कमल, ध्वजा, रथ, आसन अथवा चतुष्कोण हो, उसके ऊपर लक्ष्मी सदा प्रसन्न रहती है।
जिसके हाथ में अनामिका के मूल में पुण्य रेखा हो और मणिबंध से शनि रेखा मध्यमा उंगली पर जाए तो वह राजसुख भोगता है।
जिसके अंगुष्ठ में यव चिह्न हो साथ ही मछली, छाता, अंकुश, वीणा, सरोवर, हाथी का चिन्हु हो, वह यशस्वी एवं करोड़ों मुद्राओं का स्वामी होता है।
जिसके हाथ में तलवार, पहाड़, हल, चिन्ह हो उसके पास लक्ष्मी की कमी नहीं होती है।
जिसके हाथ की सूर्य रेखा मस्तक रेखा से मिली हो और मस्तक रेखा स्पष्ट सीधी होकर गुरु की ओर झुकने से चतुष्कोण का निर्माण होता हो, वह मुख्यमंत्री होता है।
जिसके हाथ में गुरु, सूर्य पर्वत उच्च हो, शनि और बुध रेखा पुष्ट एवं स्पष्ट और सीधी हो, वह राज्यपाल होता है।
जिसके हाथ में शनि पर त्रिशूल चिह्न हो, चन्द्र रेखा का भाग्य रेखा से संबंध हो या भाग्य रेखा हथेली के मध्य से प्रारंभ होकर उसकी एक शाखा गुरु पर्वत पर और एक सूर्य पर्वत पर जाए, वह राज्याधिकारी होता है।
जिसके गुरु, मंगल पर्वत उच्च हो तथा मस्तिष्क रेखा दोहरी हो या बुध की अंगुली नुकीली हो और लंबी हो एवं नाखून चमकदार हो, वह राजदूत होता है।
जिसके बाएं हाथ की तर्जनी एवं कनिष्ठिका की अपेक्षा दाहिने हाथ की तर्जनी एवं कनिष्ठिका मोटी और बड़ी हो, मंगल पर्वत अधिक ऊंचा हो और सूर्य रेखा प्रबल हो, वह कलेक्टर या कमिश्नर होता है।
जिसके हाथ के सूर्य, बुध, गुरु, शनि उच्च हो अंगुलियां लंबी होकर उनके ऊपरी भाग मोटे हों, सूर्य रेखा प्रबल हो मध्यांगुली का मध्य पर्व बड़ा हो, वह शिक्षाधिकारी होता है।
जिसके हाथ की हृदय रेखा और मस्तक रेखा के बीच एक चौड़ा चतुष्कोण हो, मस्तक रेखा सीधी व स्वच्छ हो, बुधांगुली का प्रथम पर्व लंबा हो, गुरु की उंगली सीधी हो सूर्य पर्वत उठा हो, वह दयालु न्यायाधीश होता है।
जिसकी अंगुलियां लंबी, अंगूठा लंबा सीधा, अंगुलियां सटी हुईं, मस्तक रेखा में सीधी दो रेखाएं निकलती हो और हथेली चपटी हो तो वह बैरिस्टर होता है।

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