हस्त रेखा : जानें, कब होगी शादी, कैसा रहेगा वैवाहिक जीवन

हाथों की लकीरें व्यक्ति के वर्तमान, भूत और भविष्य बताती है। हथेली पर बनीं, हाथों की रेखों को पढक़र, जब व्यक्ति के व्यक्तित्व और उसके जीवन को देखा जाता है इसे हस्तरेखा अध्ययन बोलते हैं। हथेली में विवाह रेखा बहुत ही छोटी होती है लेकिन व्यक्ति के जीवन में बहुत प्रभावशाली होती है। हाथ की रेखाओं का अध्ययन करते समय हम विवाह रेखा की उपेक्षा नहीं कर सकते। हृदय रेखा एवं जीवन रेखा की तरह यह रेखा इतनी गहरी एवं बड़ी नहीं होती। विवाह रेखा बुध की उंगली के नीचे शुरु होकर अनामिका उंगली की तरफ जाती है। यह हृदय रेखा के ऊपर छोटी उंगली के नीचे स्थित होती है।
हस्त-रेखा शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के हाथ में जीवन, मस्तिष्क और अर्थ आदि सभी रेखायें होती हैं जिनका अध्ययन कर भविष्यवाणी की जाती है। अपने देश में जन्म से लेकर मृत्यु का वर्णन, हथेली की इन रेखाओं में बताया जाता है। इसके साथ-साथ यहां आपको अपने स्वास्थ्य, धन, परिवार, सुख, दु:ख, व्यवसाय, समृधि और विवाह सहित जानकारियां हस्त रेखा से प्राप्त हो जाती हैं।
आइए हस्त रेखा के माध्यम से जानते है कैसा होगा आपका वैवाहिक जीवन-


-यदि विवाह रेखा पूर्ण पुष्ट तथा लालिमा युक्त हो तो व्यक्ति का दाम्पत्य सुखमय व्यतीत होता है। यदि विवाह रेखा कनिष्ठा अंगुली के दूसरे पोर तक चढ़े तो व्यक्ति को पत्नी की प्राप्ति नहीं होती है।

-विवाह रेखा पर काला धब्बा पत्नी सुख का अभाव बताता है। यदि विवाह रेखा से कोई रेखा निकल कर शुक्र पर्वत को स्पर्श कर ले तो पत्नी में चारित्रिक दोष हो सकता है।

-खंडित विवाह रेखा जीवन के मध्य काल में पत्नी वियोग देती है यह योग पत्नी की मृत्यु होने या तलाक होने से बनता है। विवाह रेखा नीचे की ओर जाकर हृदय रेखा को छुए तो पत्नी की मृत्यु हो जाती है।

-विवाह रेखा में झुकाव और झुकाव पर क्रॉस बना हो तो पति/पत्नी की आकस्मिक मृत्यु हो सकती है। विवाह रेखा के उद्गम पर द्वीप का चिन्ह दाम्पत्य सुख बिगाड़ता है।

-शुक्र पर्वत से कोई रेखा निकलकर विवाह रेखा को स्पर्श करे तो वैवाहिक जीवन अत्यंत दुखमय हो जाता है। अंत में दो मुंही विवाह रेखा भी दाम्पत्य जीवन को कलह युक्त बनाती है।

-विवाह रेखा पर फोर्क हो, शुक्र पर्वत उभार लिए हुए हो, मस्तक रेखा जंजीरनुमा हो, शुक्र मुद्रिका दोहरी हो एवं कटी हो तथा हृदय रेखा में यव हो तो व्यक्ति इश्कबाज होता है।

-हथेली में विवाह रेखा का चौड़ा होना विवाह के प्रति कोई उत्साह न होने का संकेत है। विवाह रेखा से प्रारंभ होकर कोई पतली रेखा हृदय रेखा की ओर जाये तो पति पत्नी के साथ जीवन भर बना रहता है।

-विवाह रेखा का अंत में कई भागों में बंट जाना अत्यंत दुखी दाम्पत्य का संकेत है। दो मुंही विवाह रेखा की एक शाखा हृदय रेखा को स्पर्श करे तो व्यक्ति का प्रेम संबंध पत्नी की बहन से भी हो जाता है। रेखा की ऐसी स्थिति यदि स्त्री के हाथ में हो तो उसका प्रेम संबंध पति के भाई से हो जाने की आशंका रहती है।

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