क्या कहते हैं सपने, समझें सपनों के इशारे

प्राचीन काल से ही स्वप्न को शुभ व अशुभता का प्रतीक माना जाता था। सभी तरह के स्वप्नों को एक व्याख्या में वर्णित नहीं किया जा सकता क्योंकि कुछ स्वप्न अजीर्णता, मानसिक उत्तेजना या दबी हुई मनोवृति के कारण दिखाई देते हैं तो कुछ सामान्यवस्था और गहरी निद्रा में ही आते हैं। क्या होते हैं सपनों के इशारे और उन्हें राशिवार समझकर किस तरह भविष्यज्ञान किया जाता है जानें जरा-

मेष राशि ऐसे जातकों द्वारा स्वस्थ, दीर्घायु या लक्ष्मी प्राप्ति के देखे स्वप्न साकार होते हैं। इन्हें अपने सपनों को ज्यादा लोगों में बताना नहीं चाहिए। यदि इन्हें कभी भयानक व डरावने स्वप्न दिखे, तो प्रात: काल हनुमान चालीसा के जाप लाभ देता है।
वृष राशि इनके स्वप्नों में तार्किकता, लड़ाई, झगड़ा तथा वैचारिक मनोवृत्ति का खराब होना आदि स्वप्न इन्हें ज्यादा दिखाई देते हैं। इनका पारिवारिक जीवन मुख्यतया कष्टकारक होता है। ऐसी स्थिति में ये यदि लक्ष्मी मां की सेवा करें तो इनके पारिवारिक सुख का स्वप्न जरूर साकार होता है।
मिथुन राशि मिथुन राशि के जाातक प्राय: कल्पनात्मक स्वप्न ज्यादा देखते हैं। इन्हें स्वप्न में मुख्यतया जंगली जानवर और छोटे पालतू जानवर ज्यादा दिखाई देते हैं। यदि इन्हें स्वप्न मे संतान पर कष्ट दिखाई दे तो इन्हें शुक्रदेव और गणेश जी की आराधना करनी चाहिए।
कर्क राशि इन्हें स्वप्नों से कुछ ज्यादा विशेष लगाव होता है। यदि इनका जन्म अच्छे नक्षत्र में हुआ हो तो इनके स्वप्न साकार होते हैं। अशुभ नक्षत्र का जन्म जातकों को हिंसक स्वप्न ज्यादा दिखाता है। यदि स्वप्न में अशुभ चीजें दिखाई दें तो शिवजी की पूजा करने से शांति मिलती है।
सिंह राशि इन्हें अपनी सरकारी नौकरी या पदोन्नति के स्वप्न ज्यादा दिखाई पड़ते है। संतान प्राप्ति, मांगलिक कार्यक्रम के देखे गए स्वप्न भी इनके प्राय: साकार होते रहते हैं। यदि भाग्य की अवरुद्धता के स्वप्न इन्हें ज्यादा दिखाई दें तो विष्णु भगवान की आराधना करनी चाहिए।
कन्या राशि ऐसे जातक कभी-कभी विचित्र तरीके के स्वप्न ज्यादा देखते हैं जो कि इनकी मानसिकता एक सी नहीं रहने देते है। ऐसे में ये हमेशा भ्रम की स्थिति में रहते हैं। किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाते। यदि इन्हें स्वप्न में पारिवारिक जीवन कष्ट में दिखाई दे तो इन्हें गुरुवार के दिन केले की पूजा करनी चाहिए।
तुला राशि इन जातकों को स्वप्न में अपने व्यवसाय वृद्धि के स्वप्न ज्यादा दिखाई पड़ते हंै। व्यवसायी लोग यदि स्वप्न में व्यवसाय की वृद्धि का स्वप्न देखते हैं, तो इनके व्यवसाय की वृद्धि अवश्य होती है। यदि स्वप्न में इन्हें भूमि, वाहन, भवन की अशुभता दिखे तो इन्हे शनि महाराज की सेवा करने से अवश्य लाभ मिलेगा।
वृश्चिक राशि ऐसे लोग मुख्यतया लड़ाई, झगड़े, रोगी तथा रोगी की सेवा इत्यादि तरह से स्वप्न प्राय: देखते हैं। हिंसक घटनाएं भी इन्हे स्वप्न में अधिक दिखाई पड़ती हैं। यदि इन्हें स्वप्न में भाग्य की अवरूद्धता दिखाई दे तो इन्हें भगवान श्ंकर की पूजा करनी चाहिए।
धनु राशि इन्हें मुख्यतया स्वप्न शुभ ही आते हंै। यदि ये गलत काम कर रहे हैं तो इन्हें कभी-कभी स्वप्न में वह काम छोडऩे की नसीहत मिलती है। ये जातक सारपूर्ण स्वप्न ज्यादा देखते हैं। यदि स्वप्न में हिंसक प्रवृतियां इन्हें ज्यादा दिखाई पड़े तो हनुमान जी की आराधना करना शुभ होगा।
मकर राशि इनके स्वप्न मुख्यतया सारहीन होते हैं। इनके स्वप्नों का संसार अधूरा कहा जा सकता है। यानी इनका कोई भी स्वप्न पूर्ण नहीं होता, जिससे कि कुछ भविष्यवाणी की जा सके। इन्हें यदि संतान से कष्ट या धन हानि के स्वप्न ज्यादा दिखाई दे तो भगवान गणेश जी की पूजा-अराधना करना श्रेष्ठ होता है।
कुंभ राशि इस राशि के जातक स्वप्न मेंं प्राय: अपने पारिवारिक जीवन की घटनाएं ज्यादा देखते हैं। इनके स्वप्न में अपनी खुशहाली, निरोगी एवं धनवान होने की स्थिति दिखे तो पूर्णता अवश्य आती है। यदि इन्हें कभी पारिवारिक विच्छेद के स्वप्न ज्यादा दिखाई दें तो सूर्य देव की पूजा करना इनके लिए विशेष शुभ होता है।
मीन राशि मीन राशि के जातक प्राय: मांगलिक कार्यक्रम, शादी विवाह, संतान प्राप्ति, गुरु मिलन इत्यादि तरह के स्वप्न देखते हैं। यदि इन्हें स्वप्न में गुरु से विरक्ति दिखे तो अशुभ होता है। ऐसी स्थिति में इन्हें विष्णु जी की पूजा करना श्रेष्ठकर होता है।

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