इस बार महाशिवरात्रि अभ्दुत योग, होगा विशेष फलदायी

महाशिवरात्रि का त्योहार इस साल 7 मार्च को यानी सोमवार को मनाया जाएगा। देवों के देव महादेव की आराधना का महापर्व शिवरात्रि इस बार सोमवार के दिन शिवयोग धनिष्ठा नक्षत्र में 7 मार्च को है। इस साल महाशिवरात्रि का पर्व भोले बाबा के प्रिय वार यानी सोमवार को मनाया जाएगा। सोमवार का दिन तो वैसे भी शिव का प्रिय दिन है। इस दिन दुर्लभ शिवयोग का संयोग श्रद्घालुओं के लिए विशेष फलकारी है।

इस बार सात मार्च को मनाए जा रहे महाशिवरात्रि पर्व पंचग्रही व शिव योग में मनाया जाएगा। इस दिन कुंभ राशि में सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र व केतु का मिलन होगा। जिससे इसकी मान्यता और भी बढ जाती है। इस बार शिव योग रात 8.18 बजे तक रहेगा। 4 साल बाद बना यह योग लोगों के जीवन में शिव की कृपा प्राप्ति  में सहायक रहेगा। इससे पहले यह वर्ष 2012 में आया था। साथ ही इस दिन पंचग्रही और चांडाल योग भी रहेगा। इसलिए इस महाशिवरात्रि का महत्व कई गुना अधिक होगा। इस शिवरात्रि पर शिव की आराधना का भक्तों को कई गुणा अधिक फल प्राप्त होगा। भगवान रूद्र रूप में प्रकट हुए थे।

इस वर्ष महाशिवरात्रि का यह अदभुत संयोग महादेव की आराधना के लिए सर्वोत्तम होगा। भगवान को जलाभिषेक व पूजा-पाठ करने से घर में सुख- समृद्धि बनी रहेगी। धार्मिक कायोंü की दृष्टि से यह खास माना गया है। देश भर के शिव मंदिरों और शिवालयों में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। महाशिवरात्रि का पावन दिन सभी कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर और विवाहित महिलाओं को अखंड सुहाग का वरदान दिलाने वाला सुअवसर प्रदान करता है।

अगर विवाह में कोई बाधा आ रही हो, तो भगवान शिव और जगत जननी के विवाह दिवस यानी महाशिवरात्रि पर इनकी पूजा-अर्चना करने से मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। इस दिन व्रती को फल, पुष्प, चंदन, बिल्वपत्र, धतूरा, धूप, दीप और नैवेद्य से चारों प्रहर की पूजा करनी चाहिए। दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अलग-अलग तथा सबको एक साथ मिलाकर पंचामृत से शिव को स्त्रान कराकर जल से अभिषेक करें। चारों प्रहर के पूजन में शिव पंचाक्षर "ओम् नम: शिवाय" मंत्र का जप करें।

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