अक्षय तृतीया! जानिए, कैसे मिलेगा अक्षय पुण्य

सनातन धर्म में अनेक पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं। उनमें से एक है वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि। इस तिथि को अक्षय तृतीया पर्व के रुप में मनाया जाता है। इसे अखतीज और वैशाख तीज भी कहा जाता है। इस वर्ष यह पर्व 9 मई 2016 को मनाया जाएगा।
मान्यता है कि इस दिन किए गये पूजा-पाठ और दान का अक्षय पुण्य मिलता है। इसके साथ ही अक्षय तृतीया तिथि को स्वयं सिद्ध तिथि बताया गया है। यानि इस तिथि में कोई भी मांगलिक कार्य, गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन, व्यापार आदि करने के लिए किसी मुहूर्त पर विचार करने की आवश्यकता नहीं होती।


क्या क्या करना चाहिए अक्षय तृतीया पर--

धार्मिक परंपराओं के मुताबिक, अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा-यमुना या किसी पवित्र कुंड-सरोवर में स्नान करना चाहिए।

स्नान के बाद भगवान लक्ष्मीनारायण के साथ अपने ईष्टदेव और गुरुदेव का पंचोपचार या षोडशोपचार विधि से पूजन करना चाहिए।

भक्तों को फल, बर्तन, वस्त्र, सत्तू, जल आदि वस्तुएं सामर्थ्य अनुसार ब्राह्मणों और गरीबों को दान देनी चाहिए।

मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर जो लोग भगवत आराधना के साथ दान देते हैं उन्हें भगवत कृपा के साथ अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

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