गणेश चतुर्थी : इन आसान उपाय से होगी सुख व समृद्धि में वृद्धि

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल चतुर्थी को हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार गणेश चतुर्थी मनाया जाता है। भगवान गणेश के जन्म दिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। यह मान्यता है कि भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के दौरान भगवान गणेश का जन्म हुआ था।

अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार गणेश चतुर्थी का दिन अगस्त अथवा सितम्बर के महीने में आता है। इस व्रत की पूजन विधि इस प्रकार है।

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चतुर्थी के दिन सुबह स्त्रान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद एक स्वच्छ आसन पर बैठकर भगवान श्रीगणेश की पूजा करें। पूजा के दौरान भगवान गणेश को धूप व दीप दिखाएं। इसके बाद फल, फूल, चावल, रौली, मौली, पंचामृत से स्त्रान आदि कराने के पश्चात भगवान गणेश को तिल से बनी वस्तुओं या तिल तथा गु़ड से बने लड्डुओं का भोग लगाएं। इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को लाल वस्त्र धारण करने चाहिए।

गणेश चतुर्थी : शुभ मुहूर्त, स्थापना और पूजन विधि


पूजा करते समय पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। भगवान गणेश की पूजा करने के बाद उसी समय गणेशजी के मंत्र ऊं श्रीगणेशाय नम: का जाप 108 बार करें। शाम को कथा सुनने के बाद गणेशजी की आरती उतारें। चंद्रमा के उदय होने पर उनका भी पंचोपचार से पूजन करें। इस प्रकार विधिवत भगवान श्रीगणेश का पूजन करने से मानसिक शान्ति मिलने के साथ आपके घर-परिवार के सुख व समृद्धि में वृद्धि होती है।

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